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बरेली: पति की आय जानने के लिए महिला को दायर करनी पड़ी RTI
बरेली में पत्नी ने पति की आय जानने के लिए RTI दायर की

बरेली: पति की आय जानने के लिए महिला को दायर करनी पड़ी RTI

लेखन गौसिया
Oct 03, 2022
03:29 pm

क्या है खबर?

कुछ शख्स ऐसे होते हैं जो अपनी पत्नी को भी अपनी आय बताना पसंद नहीं करते हैं। इसी से जुड़ा एक मामला बरेली में सामने आया है। यहां एक पति-पत्नी के बीच विवाद चल रहा था तो पति ने अपनी आय पत्नी को नहीं बताई। इसके बाद पत्नी ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत पति की आय जानने के लिए याचिका दायर कर दी और अब उसे यह सूचना मिल गई है। आइए पूरा मामला जानते हैं।

मामला

दो साल की कुल आय जानने के लिए पत्नी ने दायर की RTI आवेदन

संजू गुप्ता नाम की महिला का अपने पति के साथ विवाद चल रहा है, इसलिए उन्होंने साल 2018-19 और 2019-20 में अपनी पति की कुल आय का विवरण जानने के लिए RTI आवेदन दायर किया था। लेकिन आय का खुलासा करने पर पति की सहमति नहीं थी, इसलिए बरेली के आयकर विभाग कार्यालय के अधिकारियों और केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (CPIO) ने आय का विवरण देने से साफ मना कर दिया।

जानकारी

FAA ने भी जानकारी देने से किया इनकार

इसके बाद संजू ने प्रथम अपीलीय प्राधिकरण (FAA) के समक्ष एक और अपील दायर की। हालांकि FAA ने भी CPIO के फैसले को बरकरार रखा। फिर संजू ने केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के पास दूसरी अपील दायर की।

आदेश

CIC ने 15 दिनों में पति की आय संबंधित जानकारी देने के लिए कहा

CIC ने अपने पिछले आदेशों और हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों पर गौर करते हुए मामले में 19 सितंबर, 2022 को CPIO को एक आदेश जारी किया। इस आदेश में आयोग ने CPIO को पति की कुल आय के बारे में पत्नी संजू को जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इतना ही नहीं, आयोग ने ये जानकारी सिर्फ 15 दिनों के अंदर देने के लिए भी कहा।

अन्य मामला

जोधपुर में भी सामने आया था ऐसा ही मामला

इससे पहले जोधपुर निवासी रहमत बानो ने RTI दायर करते हुए आयकर विभाग से अपने पति की आय के बारे में जानकारी मांगी थी। लेकिन आयकर विभाग ने पत्नी को तीसरा पक्ष बताते हुए उनकी मांग को अनुचित करार दिया था। इसके बाद CIC ने मामले की सुनवाई की और शिकायतकर्ता की ओर से दाखिल RTI पर 15 दिन में जानकारी देने का निर्देश दिया। उसने पत्नी को तीसरा पक्ष बताने वाले दावे को भी खारिज कर दिया।

कानून

न्यूजबाइट्स प्लस

सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005 के सेक्शन 8 (1)(जे) के तहत कुल संपत्ति, उधार और निवेश जैसी कोई भी व्यक्तिगत जानकारी तीसरी पार्टी को नहीं दी जा सकती है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने CPIO बनाम सुभाष चंद्र अग्रवाल मामले में कहा था कि अगर जानकारी जनता के हित में है तो सशर्त यह जानकारी दी जा सकती है। उसने कहा था कि पतियों की आय जानने का फैसला महिलाओं के हक में है।