मनमोहन बोले- रिमोट से सरकार चलाने का आरोप गलत, नोटबंदी सुनियोजित लूट
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज इंदौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मध्यप्रदेश सरकार और केंद्र पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने रोजगार देने का अपना वादा पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन सरकार वादा पूरा नहीं कर रही है। श्रम विभाग के मुताबिक, हर तिमाही में कुछ हजार नौकरियां ही मिल रही हैं।
राफेल मामले में हो निष्पक्ष जांच
मनमोहन सिंह ने राफेल डील को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की मांग को लेकर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि लोग राफेल डील को संदेह की दृष्टि से देख रहे हैं। विपक्ष JPC की मांग कर रहा है, लेकिन मोदी सरकार इससे इनकार कर रही है। इससे पता चलता है कि दाल में काला ही काला है। उन्होंने इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है। बता दें, राहुल गांधी भी राफेल को लेकर सरकार पर हमलावर हैं।
नोटबंदी को बताया लूट का हिस्सा
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को लेकर भी सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही संसद में कहा था कि नोटबंदी संगठित लूट का हिस्सा है। साथ ही उन्होंने जीएसटी पर भी सवाल उठाए। जीएसटी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह बिना तैयारी और खास योजना के लागू किया गया था। इससे पहले आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था।
रिमोट से सरकार चलाने का आरोप गलत
मनमोहन सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मनमोहन सिंह को रिमोट कंट्रोल से चलने वाला प्रधानमंत्री बताया था। उनके इस बयान पर जवाब देते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाने का आरोप बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की कोशिश यह थी कि सबको साथ लेकर चला जाए। इसी कारण सरकार और पार्टी के बीच किसी तरह का कोई अंतर नहीं रहा।
व्यापम को बताया महाघोटाला
राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में व्यापम जैसा महाघोटाला हुआ है। यहां के युवाओं के पास रोजगार नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि यहां किसानों की समस्याएं बहुत हैं, राज्य सरकार इन समस्याओं को दूर करने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने कभी भी किसी भी राज्य सरकार के साथ भेदभाव नहीं किया था। हमने मध्य प्रदेश के साथ कभी भेदभाव नहीं किया, शिवराज सिंह इसके गवाह हैं।