दो मंत्रियों की बगावत के बाद कृषि मंत्री लालचंद कटारिया का इस्तीफा, मुश्किल में गहलोत सरकार
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की मुश्किलें और बढ़ गई है। लोकसभा चुनावों में शर्मनाक प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी और कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों में पार्टी को मिली हार के बाद उनका पद पर बने रहना नैतिक रूप से सही नहीं है। बता दें, दिसंबर में कांग्रेस ने राजस्थान में सरकार बनाई थी, लेकिन लोकसभा चुनावों में उसका खाता भी नहीं खुला।
समर्थकों को संदेश देने के लिए इस्तीफा
अपने पत्र में कटारिया ने लिखा कि वह अपना मंत्रीपद त्याग रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को भेज दिया है। हालांकि, राज्यपाल के कार्यालय ने उनका इस्तीफा मिलने की बात से इनकार किया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री कटारिया को गहलोत का करीबी माना जाता है। कहा जा रहा है कि गहलोत को बचाने के लिए उन्होंने इस्तीफा दिया है ताकि समर्थकों में यह संदेश जाए कि पार्टी हार के बाद गंभीरता से चिंतन कर रही है।
ये विभाग संभालते थे कटारिया
कटारिया के पास कृषि, पशुपालन और मत्स्य विभाग की जिम्मेदारी थी। उन्होंने पिछले साल झोटवाड़ा विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। अपने पत्र में कटारिया ने लिखा कि वह इस्तीफे के बाद भी इलाके के लोगों की सेवा करते रहेंगे।
राजस्थान में खराब प्रदर्शन पर नाराजगी जता चुके हैं राहुल
बीते शनिवार को कांग्रेस कार्यकारिणी समिति की बैठक में राहुल ने राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसा राज्यों में जहां कांग्रेस की सरकार है, वहां खराब प्रदर्शन को लेकर सख्त नाराजगी दिखाई थी। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, अशोक गहलोत, कमलनाथ और पी चिदंबरम, पर अपने बेटों को पार्टी हित से ऊपर रखने का आरोप लगाया था। बता दें कि 2014 की तरह इस बार भी कांग्रेस का राजस्थान में सूपड़ा साफ हो गया, वहीं मध्य प्रदेश में एक सीट आई।
गहलोत ने पूरे राज्य की बजाय बेटे की सीट पर ध्यान दिया
राहुल ने बैठक में कहा था कि गहलोत ने एक हफ्ते तक जोधपुर में अपने बेटे का प्रचार किया, जबकि बाकी राज्य को नजरअंदाज करते रहे। गहलोत के बेटे वैभव गहलोत जोधपुर से चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए। इस पर राजस्थान के खाद्य मंत्री रमेश चंद मीणा ने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष ने जो कहा है, वह बिल्कुल सही है। राहुल जी ने जो कहा, उस पर आत्ममंथन होना चाहिए। उन्होंने जो कहा वह व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।"
सरकार में बगावत शुरू
लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस में आपसी टकराव का दौर भी शुरु हो गया है। रविवार को राजस्थान सरकार में खाद्य मंत्री रमेश चंद मीणा और सहकारिता मंत्री उदयलाल अंजना ने गहलोत पर निशाना साधा था। दोनों मंत्रियों ने राहुल गांधी के उस बयान का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने गहलोत पर अपने बेटे को पार्टी से ऊपर रखने का आरोप लगाया था। मीणा ने चेताते हुए कहा कि हार को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
दिसंबर में कांग्रेस ने बनाई थी सरकार
बीते वर्ष हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 100 सीटें जीती थी। कुल 199 सीटों पर हुए चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को 73 सीटें, बहुजन समाज पार्टी को छह और अन्यों को 20 सीटें हासिल हुई थीं। इसके बाद कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया था। राज्य में कांग्रेस की सरकार बने लगभग छह महीने हुए हैं, लेकिन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस यहां अपना खाता भी नहीं खोल पाई। इससे गहलोत पर दबाव काफी बढ़ा है।