आम सहमति से नहीं मिली मोदी-शाह को क्लीन चिट, एक अधिकारी ने किया 5 का विरोध
चुनाव आयोग अब तक कुल 8 मामलों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को क्लीन चिट दे चुका है। लेकिन इनमें से 5 मामलों में उन्हें आम सहमति से क्लीन चिट नहीं मिली है और बहुमत के आधार पर फैसला लिया गया है। शिकायतों पर विचार कर रही तीन सदस्यीय समिति का हिस्सा निर्वाचन अधिकारी अशोक लवासा का विचार इन पांचों मामलों में बहुमत से अलग रहा। इनमें से 4 प्रधानमंत्री मोदी से संबंधित हैं।
इन दो मामलों में मिली सबसे पहले क्लीन चिट
चुनाव आयोग ने सबसे पहले 1 अप्रैल को महाराष्ट्र के वर्धा की रैली में दिए गए 'बहुसंख्यक-अल्पसंख्यक' बयान के लिए प्रधानमंत्री मोदी को क्लीन चिट दी थी। उन्होंने 6 अप्रैल को नांदेड की रैली में भी इस बयान को दोहराया था।
राहुल के वायनाड से लड़ने पर साधा था निशाना
रैली में मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, "अब कांग्रेस भी समझ रही है कि देश ने उसे सज़ा देने का मन बना लिया है। उनके नेता अब मैदान छोड़ कर भागने लगे हैं। 'आतंकवादी हिंदू' की सजा उनको मिल चुकी है। इसलिए भाग कर जहां देश का बहुसंख्यक अल्पसंख्यक में है, वहां शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं।"
बालाकोट एयर स्ट्राइक मामले में भी क्लीन चिट
इसके बाद आयोग ने 9 अप्रैल को महाराष्ट्र के लातूर और कर्नाटक के चित्रदुर्गा में बालाकोट एयर स्ट्राइक के नाम पर वोट मांगने के मामले में भी मोदी को क्लीन चिट दी थी। इन रैलियों में उन्होंने कहा था, "क्या आपका पहला वोट पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक करने वाले वीर जवानों के नाम समर्पित हो सकता है? क्या पहला वोट पुलवामा में जो वीर शहीद हुए, उन वीर शहीदों के नाम आपको वोट समर्पित हो सकता है?"
इन सभी मामलों में क्लीन चिट का किया लवासा ने विरोध
इन चारों ही मामलों में लवासा का मत अपने अन्य साथियों से अलग था और उन्होंने इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना था। इसके अलावा 9 अप्रैल को नागपुर में अमित शाह के वायनाड की पाकिस्तान से तुलना करने पर भी उनका विचार बहुमत से अलग था। वायनाड से राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुनील अरोरा और निर्वाचन अधिकारी सुशील चंद्र कमिटी के अन्य सदस्य हैं।
'कत्ल की रात' वाले बयान पर भी क्लीन चिट
वहीं, शनिवार को चुनाव आयोग ने 21 अप्रैल को गुजरात के पाटन की रैली में दिए गए बयान के लिए भी मोदी को क्लीन चिट दे दी। उन्होंने कहा था, "ख़बरदार पाकिस्तान, हमारे पायलट को एक खरोंच नहीं पड़ना चाहिए। अमरीका के प्रवक्ता ने तब कहा था कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो भारत कोई बड़ी कार्रवाई करेगा। मोदी एक साथ 12 मिसाइलों से हमले कर देगा। अच्छा हुआ कि उन्होंने वापस कर दिया वरना वो कत्ल की रात होती।"
अब तक 6 मामलों में आधिकारिक क्लीन चिट
इसके साथ ही मोदी को अब तक 6 मामलों में आधिकारिक क्लीन चिट मिल चुकी है, जबकि चित्रदुर्गा मामले की आधिकारिक घोषणा होना अभी बाकी है। जिन अन्य 2 मामलों में उन्हें क्लीन चिट दी गई, उनमें 21 अप्रैल को राजस्थान के बाड़मेर में परमाणु हथियार दिवाली के लिए नहीं होने और 25 अप्रैल का वाराणसी में पुलवामा में 40 CRPF जवानों के शहीद होने के बदले में 40 आतंकी मारने वाला बयान शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट का 6 मई से पहले सारी शिकायतें निपटाने का आदेश
इन तीनों ही दो मामलों में भी आम सहमति से फैसला लिया गया है। इससे पहले कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 6 मई तक मोदी-शाह के खिलाफ दर्ज सभी शिकायतों पर फैसला लेने को कहा था।