नतीजों से पहले घेराबंदी शुरू, सोनिया गांधी ने 23 मई को बुलाई विपक्षी दलों की बैठक
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की चेयरपर्सन सोनिया गांधी 23 मई को विपक्षी नेताओं के साथ बैठक करेंगी। इसी दिन लोकसभा चुनावों के नतीजे घोषित किए जाएंगे। इस बैठक में गैर-भाजपा सरकार बनाने की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा। तमिलनाडु की सियासी पार्टी DMK ने इस बैठक की पुष्टि करते हुए कहा कि पार्टी प्रमुख एमके स्टालिन को इसके लिए सोनिया गांधी का निमंत्रण मिला है। इस बैठक में कई विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे।
पर्दे के पीछे रहकर काम कर रहीं सोनिया
सोनिया गांधी ने इन चुनावों में कांग्रेस के लिए प्रचार नहीं किया है। पिछले काफी समय से उनकी तबियत खराब होने की खबरें आती रही हैं। कहा जा रहा है कि वह पर्दे के पीछे रहकर भाजपा विरोधी पार्टियों के साथ संपर्क में हैं।
कांग्रेस को उम्मीद- NDA को नहीं मिलेगा बहुमत
कांग्रेस पार्टी समेत सभी विपक्षी दलों को उम्मीद है कि 23 मई को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा। ऐसे में विपक्षी पार्टियां मिलकर सरकार बना सकती है। इसे देखते हुए कांग्रेस ने अपने कई वरिष्ठ नेताओं को बीजद प्रमुख नवीन पटनायक, तेलंगाना राष्ट्र समिति के के चंद्रशेखर राव, वाईएस कांग्रेस के जगनमोहन रेड्डी आदि को कांग्रेस के साथ आने के लिए मनाने की जिम्मेदारी दी है। ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 60 लोकसभा सीटें हैं।
कांग्रेस बिना प्रधानमंत्री पद सरकार में शामिल होने को तैयार
चुनावी नतीजों से पहले कांग्रेस ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि अगर उसे प्रधानमंत्री पद नहीं दिया जाता है तब भी वह गठबंधन सरकार में शामिल होने को तैयार होगी। कांग्रेस ने कहा कि उसका लक्ष्य NDA सरकार को रोकना है।
नतीजों से पहले कांग्रेस ने क्लियर किया अपना स्टैंड
कपिल सिब्बल भी कह चुके हैं बहुमत न मिलने की बात
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल भी इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि इन चुनावों में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिलेगा। सिब्बल ने कहा था कि कांग्रेस को अपने दम पर बहुमत नहीं मिलेगा, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाले UPA की सरकार बन सकती है।
विपक्ष की सर्वसम्मति के साथ जाएगी कांग्रेस
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, "हम पहले ही अपना स्टैंड क्लियर कर चुके हैं। यदि कांग्रेस के पक्ष में सहमति बनती है तो हम नेतृत्व स्वीकार करेंगे। लेकिन, हमारा लक्ष्य हमेशा यह रहा है कि NDA सरकार की सरकार सत्ता में वापस नहीं लौटनी चाहिए। हम सर्वसम्मति से लिए गए फैसले के साथ जाएंगे।" उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को प्रधानमंत्री पद नहीं मिलता है तो कांग्रेस इसे मुद्दा नहीं बनाएगी।