साध्वी प्रज्ञा ने गांधी के हत्यारे गोडसे को बताया देशभक्त, कहा- देशभक्त थे और देशभक्त रहेंगे

भारतीय जनता पार्टी की नेता और बम धमाकों की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया है। मध्य प्रदेश में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में रोड शो करते हुए प्रज्ञा ने यह बात कही। उनसे एक पत्रकार ने कमल हासन के बयान को लेकर सवाल पूछा था। बता दें, कमल हासन ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को आजाद भारत का पहला हिंदू आतंकवादी बताया था। इसके जवाब में साध्वी प्रज्ञा ने क्या कहा? आइये, जानते हैं।
साध्वी प्रज्ञा ने कहा, "नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, देशभक्त हैं और देशभक्त रहेंगे। उन्हें आतंकवादी कहने वाले लोग अपने गिरेबान में झांकें। इस चुनाव में ऐसे लोगों को जवाब दे दिया जाएगा।"
#WATCH BJP Bhopal Lok Sabha Candidate Pragya Singh Thakur says 'Nathuram Godse was a 'deshbhakt', is a 'deshbhakt' and will remain a 'deshbhakt'. People calling him a terrorist should instead look within, such people will be given a befitting reply in these elections pic.twitter.com/4swldCCaHK
— ANI (@ANI) May 16, 2019
भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा के बयान से खुद को अलग किया है। पार्टी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि पार्टी उनके बयान से सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी उनसे स्पष्टीकरण मांगेगी और उन्हें इसके लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
दक्षिण भारत के सुपरस्टार कमल हासन के गोडसे पर दिए बयान के बाद विवाद शुरू हो गया था। तमिलनाडु में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए हासन ने कहा कि आजाद भारत का पहला आतंकवादी 'हिंदू' था और उसका नाम नाथूराम गोडसे था। उनके इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रियाएं आई हैं। इससे पहले भी हासन हिंदू कट्टरवाद को लेकर बयान दे चुके हैं। पुलवामा हमले के बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की बात की थी।
मालेगांव बम धमाकों में आरोपी साध्वी प्रज्ञा ने बुधवार को देवास से महेंद्र सोलंकी के लिए प्रचार किया। महेंद्र सोलंकी देवास से भाजपा के प्रत्याशी हैं और उन्होंने सिविल जज (क्लास 1) के पद से इस्तीफा दिया था। सोलंकी ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को दोनों मामलों में कोर्ट की क्लीन चिट मिली है इसलिए उनके प्रचार करने में कुछ गलत नहीं है। बता दें, साध्वी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ भोपाल से चुनाव लड़ा है।
मालेगांव धमाकों की आरोपी प्रज्ञा सिंह फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। उन पर अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) के तहत मुकदमा चल रहा है। पूरे चुनावों के दौरान साध्वी की उम्मीदवारी पर काफी विवाद रहा है।
बता दें कि 2008 मालेगांव धमाकों की आरोपी 48 वर्षीय साध्वी प्रज्ञा भोपाल से भाजपा का लोकसभा उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से ही विवादों में हैं। पहले विरोधियों ने उन्हें 'आतंकवाद' का आरोपी बताते हुए भाजपा के उन्हें टिकट देने पर जमकर सवाल उठाए। इसके बाद प्रज्ञा ने 26/11 हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे पर विवादित बयान देकर और बड़ा बवाल खड़ा कर दिया। अब उन्होंने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताकर नया विवाद खड़ा कर दिया है।
प्रज्ञा ने कहा था कि उनके दिए गए श्राप के कारण करकरे आतंकवादियों के हाथों मारा गया। उन्होंने तब ATS प्रमुख रहे करकरे पर मालेगांव धमाकों की पूछताछ के दौरान खुद को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। चुनाव आयोग ने इस बयान के लिए उन्हें नोटिस जारी किया था। इसके जवाब में उन्होंने कहा था, "मैंने शहीद का अपमान नहीं किया है। मुझे जो यातनाएं दी गई केवल उसी का जिक्र किया है।"
मध्य प्रदेश के भिंड में जन्मीं साध्वी मालेगांव धमाके के बाद चर्चा में आई थीं। उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। प्रज्ञा सिंह इस मामले में नौ साल तक जेल में रहीं। इसके अलावा उन पर 2007 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रचारक (RSS) सुनील जोशी की हत्या का भी आरोप था, जिससे कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। साध्वी RSS के छात्र संगठन अखिल भारतीय विधार्थी परिषद (ABVP) की सदस्य भी रह चुकी हैं।