पूर्व जज के लिए चुनाव प्रचार कर फिर चर्चा में आई साध्वी प्रज्ञा, जानें मामला
क्या है खबर?
मालेगांव बम धमाकों में आरोपी साध्वी प्रज्ञा ने बुधवार को देवास से महेंद्र सोलंकी के लिए प्रचार किया।
महेंद्र सोलंकी देवास से भाजपा के प्रत्याशी हैं और उन्होंने हाल ही में सिविल जज (क्लास 1) के पद से इस्तीफा दिया था।
भोपाल से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक सुनील जोशी की हत्या की मुख्य आरोपी थी।
बाद में भोपाल की अदालत ने इस मामले में उन्हें बरी कर दिया था।
बयान
अदालत से साध्वी को मिली है क्लीन चिट- सोलंकी
सोलंकी ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को दोनों मामलों में कोर्ट की क्लीन चिट मिली है इसलिए उनके प्रचार करने में कुछ गलत नहीं है।
सुनील जोशी हत्याकांड में सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया था। सोलंकी ने कहा, "कोर्ट ने अपना फैसला दिया और इसे चुनौती नहीं दी गई।"
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इसे हत्या का सामान्य मामला बताते हुए उन आतंकी मामलों से अलग कर दिया था, जिनमें जोशी का नाम शामिल था।
राजनीति
प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर राजनीति में आए सोलंकी
सोलंकी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से मेरा जुड़ाव 1999 से शुरू हुआ। उसके बाद मैंने अखिल भारतीय विधार्थी परिषद और भाजपा ज्वॉइन की। मैं हमेशा से राष्ट्रवादी रहा हूं।"
उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी की वह बात सुनकर राजनीति में आए हैं, जिसमें उन्होंने सभी ईमानदार और राष्ट्रवादी लोगों से देश के लिए काम करने की अपील की थी।
इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
चुनाव प्रचार
भाजपा की स्टार प्रचारक हैं साध्वी प्रज्ञा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साध्वी प्रज्ञा सोलंकी के समर्थन में शाजापुर रोड शो करना चाहती थी, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी का रोड शो होने के कारण उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली।
इसके बाद उन्होंने आस्था में सोलंकी के समर्थन में प्रचार किया। हालांकि,गला खराब होने की वजह से उन्होंने कोई भाषण नहीं दिया।
भाजपा की स्टार प्रचारक साध्वी प्रज्ञा शुक्रवार तक आस्था, देवास, बुरहानपुर और खांडवा में प्रचार करेंगी।
मध्य प्रदेश की आठ लोकसभा सीटों पर 19 मई को वोटिंग होगी।
जानकारी
जमानत पर बाहर हैं साध्वी प्रज्ञा
मालेगांव धमाकों की आरोपी प्रज्ञा सिंह फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। उन पर अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) के तहत मुकदमा चल रहा है। पूरे चुनावों के दौरान साध्वी की उम्मीदवारी पर काफी विवाद रहा है।
विवाद
उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से ही विवादों में साध्वी प्रज्ञा
बता दें कि 2008 मालेगांव धमाकों की आरोपी 48 वर्षीय साध्वी प्रज्ञा भोपाल से भाजपा का लोकसभा उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से ही विवादों में हैं।
भाजपा ने उन्हें कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के सामने उतारा है।
पहले विरोधियों ने उन्हें 'आतंकवाद' का आरोपी बताते हुए भाजपा के उन्हें टिकट देने पर जमकर सवाल उठाए।
इसके बाद प्रज्ञा ने 26/11 हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे पर विवादित बयान देकर और बड़ा बवाल खड़ा कर दिया।
विवादित बयान
प्रज्ञा ने कहा था, मेरे श्राप से मारा गया करकरे
प्रज्ञा ने कहा था कि उनके दिए गए श्राप के कारण करकरे आतंकवादियों के हाथों मारा गया।
उन्होंने तब ATS प्रमुख रहे करकरे पर मालेगांव धमाकों की पूछताछ के दौरान खुद को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था।
चुनाव आयोग ने इस बयान के लिए उन्हें नोटिस जारी किया था।
इसके जवाब में उन्होंने कहा था, "मैंने शहीद का अपमान नहीं किया है। मुझे जो यातनाएं दी गई केवल उसी का जिक्र किया है।"
परिचय
ऐसे चर्चा में आई थीं साध्वी प्रज्ञा
मध्य प्रदेश के भिंड में जन्मीं साध्वी मालेगांव धमाके के बाद चर्चा में आई थीं। उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। प्रज्ञा सिंह इस मामले में नौ साल तक जेल में रहीं।
इसके अलावा उन पर 2007 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रचारक (RSS) सुनील जोशी की हत्या का भी आरोप था, जिससे कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।
साध्वी RSS के छात्र संगठन अखिल भारतीय विधार्थी परिषद (ABVP) की सदस्य भी रह चुकी हैं।