मोदी ने राजीव गांधी को कहा 'भ्रष्टाचारी नंबर 1', राहुल ने झप्पी के साथ दिया जवाब
लोकसभा चुनाव के तीन चरण का मतदान बाकी रहने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच प्रहार और तीखे होते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के राहुल के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को 'भ्रष्टाचारी नंबर 1' कहने पर राहुल ने कहा है कि वह खुद के बारे में अपने विचार उनके पिता पर थोप रहे हैं। वहीं, राहुल की बहन प्रियंका गांधी ने भी मामले में मोदी पर करारा हमला किया।
मोदी ने कहा था, भ्रष्टाचारी नंबर 1 के तौर पर खत्म हुआ राजीव का जीवन
दरअसल, कल उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने बोफोर्स घोटाले के संबंध में राजीव गांधी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, "आपके पिता को उनके सहयोगी 'मिस्टर क्लीन' कहते थे। लेकिन उनके जीवन का अंत 'भ्रष्टाचारी नंबर 1' के तौर पर हुआ।" बता दें कि राजीव पर स्वीडन की हथियार कंपनी बोफोर्स से तोप खरीद के सौदे में कंपनी से रिश्वत लेने का आरोप लगा था।
राहुल ने झप्पी के साथ भेजा जवाब
मोदी के इस निजी हमले पर राजीव के दोनों बच्चों राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी पलटवार किया। राहुल ने ट्वीट करते हुए लिखा, "मोदीजी, लड़ाई खत्म हो चुकी है। आपके कर्मों का फल आपका इंतजार कर रहा है। खुद के बारे में अपने विचारों को मेरे पिता पर थोपना आपको बचा नहीं पाएगा। मेरा प्यार और एक बड़ी सी झप्पी, राहुल।" बता दें कि राहुल कह चुके हैं कि वह मोदी की नफरत को प्यार से हराएंगे।
ट्रेडमार्क स्ट्राइल में राहुल ने भेजा अपना जवाब
प्रियंका का बेहद तीखा जवाब
वहीं, प्रियंका ने राहुल से भी तीखा हमला करते हुए मोदी के बयान को पूर्व प्रधानमंत्री की शहादत का अपमान बताया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "शहीदों के नाम पर वोट माँगकर उनकी शहादत को अपमानित करने वाले प्रधानमंत्री ने कल अपनी बेलगाम सनक में एक नेक और पाक इंसान की शहादत का निरादर किया। जवाब अमेठी की जनता देगी जिनके लिए राजीव गांधी ने अपनी जान दी। हाँ मोदीजी 'यह देश धोकेबाज़ी को कभी माफ नहीं करता'।"
प्रियंका ने बताया राजीव की शहादत का अपमान
चिदंबरम ने दिलाई हाई कोर्ट के फैसले की याद
इससे पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा था कि इस बयान के जरिए मोदी ने सारी सीमाएं पार कर दी हैं। उन्होंने मोदी को दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश की भी याद दिलाई जिसमें राजीव पर लगे सभी आरोपों को 'बेबुनियाद' बताते हुए खारिज कर दिया गया था। उन्होंने कहा, "लगता है मोदी कुछ भी नहीं पढ़ते। क्या उनको पता है कि भाजपा सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट न जाने का फैसला लिया था?"
क्या है बोफोर्स घोटाला?
18 मार्च, 1986 को भारत की राजीव गांधी सरकार ने स्वीडन की कंपनी बोफोर्स के साथ 1,437 करोड़ रुपये में 400 तोपों का सौदा किया था। एक साल बाद स्वीडन के एक रेडियो स्टेशन ने आरोप लगाया कि कंपनी ने कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारत में नेताओं और रक्षा अधिकारियों को रिश्वत दी थी। घोटाले में राजीव को भी रिश्वत पहुंचने के आरोप लगे थे, जिन्होंने 'मिस्टर क्लीन' की उनकी इमेज पर सवाल खड़े कर दिए थे।
हाई कोर्ट कर चुका है राजीव को आरोपमुक्त
हालांकि, 31 मई, 2005 में दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। 2011 में हाई कोर्ट ने राजीव और उनके दोस्त ओतावियो क्वात्रोची को भी सभी आरोपों से बरी कर दिया था। क्वात्रोची पर बिचौलिया होने का आरोप था।