राजस्थानः आरक्षण की मांग को लेकर रेलवे ट्रैक पर जमे गुर्जर, कई ट्रेनें रद्द
क्या है खबर?
राजस्थान में गुर्जर समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर एक बार फिर आंदोलन शुरू कर दिया है।
आरक्षण को लेकर राजस्थान सरकार की तरफ से बातचीत के लिए नहीं बुलाने से नाराज गुर्जर समुदाय के लोग दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर बैठ गए हैं।
इससे पहले गुर्जर समाज की महापंचायत हुई, जिसमें आंदोलन की घोषणा की गई। इसका नेतृत्व कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला कर रहे हैं।
आंदोलन की वजह से सवाई माधोपुर और बयाना जंक्शन के बीच रेल यातायात प्रभावित है।
ट्विटर पोस्ट
आंदोलन स्थल की तस्वीरें
Rajasthan: Visuals from Malarna Dungar station in Maksudanpura village of Sawai Madhopur dist as reservation movement by Gujjar community in the state continues today.7 trains in Kota Division of Western Central Railway diverted, 1 cancelled, 3 short originated1 short terminated pic.twitter.com/AAtdMFCJNl
— ANI (@ANI) February 9, 2019
वादा
कांग्रेस ने किया था वादा
राजस्थान में कांग्रेस ने घोषणा-पत्र में गुर्जर समुदाय को आरक्षण देना का वादा किया था।
बैंसला ने कहा कि उनकी मांग पांच प्रतिशत आरक्षण है, जिसका कांग्रेस ने वादा किया था।
बैंसला ने कहा, "हम अपने समुदाय के लिए उसी तरह पांच फीसदी आरक्षण चाहते हैं, जिस तरह केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया है।"
उन्होंने कहा कि सरकार बातचीत नहीं कर रही, इसलिए मजबूरन उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।
जानकारी
क्या है गुर्जर समुदाय की मांग
गुर्जर समुदाय पिछले काफी समय से सरकारी नौकरी और शिक्षा में पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है। फिलहाल राजस्थान में गुर्जर समुदाय को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत कानूनी सीमा से एक प्रतिशत अलग से आरक्षण मिल रहा है।
अपील
सरकार ने की आंदोलकारियों से शांति बनाए रखने की अपील
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आंदोलनाकरियों ने शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है।
वहीं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार को गुर्जर आरक्षण के मामले में आई कानूनी अड़चनों को दूर करने के लिए काम करना चाहिए।
पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और राज्य सरकार गुर्जर आरक्षण के मुद्दे पर प्रतिबद्ध है।
इतिहास
2008 में हिंसक रहा था आंदोलन
साल 2008 में गुर्जर समुदाय ने आरक्षण की मांग के चलते आंदोलन किया था।
इस दौरान आंदोलनकारियों ने कई जगहों पर रेल पटरियां उखाड़ दी थी, जिससे रेल यातायात बाधित हो गया था।
पुलिस ने आंदोलनकारियों पर काबू पाने के लिए गोलीबारी की थी।
दौसा जिले में यह प्रदर्शन हिंसक हो गया था, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प हो गई थी।
इस झड़प में 20 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई थी और एक पुलिसकर्मी घायल हो गया था।