राहुल गांधी ने जारी किया श्वेत पत्र, कहा- सरकार पर उंगली उठाने का नहीं है उद्देश्य
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को देश में जारी कोरोना वायरस महामारी को लेकर एक श्वेत पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा है कि इस श्वेत पत्र का उद्देश्य सरकार पर उंगली उठाना नहीं है, बल्कि महामारी की तीसरी लहर से पहले सभी आवश्यक तैयारी पूरी करने में मदद करना है। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर जरूर आएगी और सरकार को इससे पहले पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए।
विशेषज्ञों की चेतावनी से सरकार को लेना चाहिए सबक- गांधी
इंडिया टुडे के अनुसार राहुल गांधी ने श्वेत पत्र जारी करने के दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "विशेषज्ञों ने समय रहते हुए महामारी की दूसरी लहर की भविष्यवाणी की थी, लेकिन सरकार ने कदम नहीं उठाए। हम एक बार फिर वहीं खड़े हैं, सब जानते हैं कि तीसरी लहर आएगी। ऐसे में हम कह रहे हैं कि सरकार को इसकी तैयारी करनी चाहिए।" उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि पूर्व में क्या गलतियां हुई है।"
"दूसरी लहर में बचाई जा सकती थी 90 प्रतिशत लोगों की जान"
राहुल गांधी ने कहा, "महामारी की पहली और दूसरी लहर का प्रबंधन विनाशकारी था। श्वेत पत्र में इसके कारणों को बताया गया है। यह तीसरी लहर की तैयारी के लिए एक खाका है।" उन्होंने आगे कहा, "दूसरी लहर में 90 प्रतिशत लोगों को बचाया जा सकता था। उनकी मौत का सबसे बड़ा कारण ऑक्सीजन की कमी थी। जबकि देश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। प्रधानमंत्री के आंसू लोगों की जान नहीं बचा सके, लेकिन ऑक्सीजन बचा सकती थी।"
महामारी में दूसरी ओर था प्रधानमंत्री का फोकस- गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर में प्रधानमंत्री का फोकस उन पर नियंत्रण की जगह दूसरी ओर था। यही कारण रहा कि हजारों लोगों को ऑक्सीजन, बेड्स और दवाइयों की कमी के कारण अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
"सरकार को स्वीकार करनी होंगी गलतियां"
राहुल गांधी ने कहा, "कांग्रेस का श्वेत पत्र सरकार के लिए इनपुट है। यदि सरकार इसे पढ़ेगी तो उसे फायदा होगा। सरकार को विपक्ष, विशेषज्ञ और लोगों की बात सुननी चाहिए।" उन्होंने आगे कहा, "सरकार को खुले दिमाग से काम करना होगा, बन्द दिमाग से नहीं। जो गलती हुई है उसे स्वीकार करना होगा। इसमें दो राय नहीं कि सरकार आंकड़े छुपा रही है। मेरी राय में सरकारी आंकड़ो से पांच से छह गुना अधिक लोगों की मौतें हुई हैं।"
100 प्रतिशत वैक्सीनेशन के लिए अभियान में लानी होगी तेजी- गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को बेड्स, दवा, ऑक्सीजन आदि की तैयारी करनी चाहिए और तेजी से वैक्सीनेशन अभियान चलाकर 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन का लक्ष्य हासिल करना चाहिए। उन्होंने सोमवार को एक दिन में 82 लाख खुराकें लगाए जाने की प्रशंसा की, लेकिन कहा कि यह एक दिन तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे नियमित रूप से किया जाना चाहिए। इस प्रक्रिया के साथ ही पूरी आबादी को जल्द वैक्सीन लगाई जा सकेगी।
राहुल गांधी ने की सभी राज्यों के साथ समान व्यवहार की अपील
राहुल गांधी ने कहा कि वैक्सीनेशन अभियान में तेजी के बरकरार रखने के लिए सरकार को सभी राज्यों के साथ समान व्यवहार करना होगा। यह जिंदगी और मौत का सवाल है। सभी राज्यों को समान तरीके से वैक्सीन उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। इसमें पूर्वाग्रह नहीं आना चाहिए। भाजपा सरकार-कांग्रेस सरकार में प्रतियोगिता नहीं करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के समान व्यवहार से वैक्सीनेशन में तेजी आएगी और लोगों को राहत मिलेगी।
"सरकार को न्याय योजना की तर्ज पर करनी चाहिए आर्थिक मदद"
राहुल गांधी ने कहा, "सरकार को न्याय योजना की तरह गरीब, छोटे व्यापारियों की आर्थिक मदद करनी चाहिए। भले ही वह नाम न्याय की जगह कोई और रख लें। इसी तरह मृतकों के परिवार की मदद के लिए कोरोना फंड भी बनाया जाना चाहिए।"
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 42,640 नए मामले सामने आए और 1,167 मरीजों की मौत हुई। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,99,77,861 हो गई है। इनमें से 3,89,302 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या 6,62,521 रह गई है। इसी तरह वैक्सीनेशन अभियान में अब तक वैक्सीन की 28,87,66,201 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 86,16,373 खुराकें लगाई गई थी।