छत्तीसगढ़ में रामदेव के खिलाफ FIR दर्ज, दवाओं को लेकर 'गलत जानकारी' फैलाने का आरोप
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में योगगुरू रामदेव के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। उन पर कोरोना वायरस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं को लेकर 'गलत जानकारी' फैलाने का आरोप है। रायपुर के SSP अजय यादव ने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की छत्तीसगढ़ इकाई की शिकायत के आधार पर बुधवार रात को रामदेव के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
रामदेव के खिलाफ इन धाराओं में दर्ज हुई FIR
यादव ने बताया कि रामदेव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 188, 269, 504 और महामारी अधिनियम के तहत FIR दर्ज की गई है। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है।
रामदेव के खिलाफ शिकायत में क्या कहा गया है?
IMA के रायपुर प्रमुख डॉ राकेश गुप्ता और विकास अग्रवाल आदि उन डॉक्टरों में शामिल हैं, जिन्होंने रामदेव के खिलाफ शिकायत दी थी। इसमें कहा गया है कि पिछले एक साल से रामदेव मेडिकल बिरादरी और भारत सरकार द्वारा कोरोना के इलाज में इस्तेमाल की जा रही दवाओं को लेकर गलत जानकारियां फैला रहे हैं और सोशल मीडिया पर धमकी भरे बयान दे रहे हैं। इसमें कहा गया है कि रामदेव ने झूठे दावों वाले कई बयान दिए हैं।
रामदेव के बयान ने लाखों लोगों की जिंदगी खतरे में डाली- शिकायत
शिकायत में आगे कहा गया है कि जब प्रशासन, सरकार और फ्रटलाइनकर्मी साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, तब रामदेव इलाज के तरीकों को लेकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं और एलोपैथिक दवाओं को लेकर रामदेव के बयानों ने लाखों लोगों की जिंदगी खतरे में डाल दी है। बता दें कि एलोपैथी को लेकर दिए गए रामदेव के बयान के बाद खूब बखेड़ा खड़ा हुआ था।
जांच में क्या सामने आया?
पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिकायत की जांच के दौरान पाया गया कि रामदेव के बयान पिछले साल मार्च में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिस का उल्लंघन करते हैं। इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति, संस्था और संगठन राज्य के स्वास्थ्य विभाग से अनुमति लिए बिना कोरोना से जुड़ी कोई सूचना या जानकारी नहीं दे सकते। ऐसा कोरोना महामारी से जुड़ी अफवाहों पर रोक लगाने के लिए किया गया है।
एलोपैथी को लेकर रामदेव ने दिया था बयान
एक वीडियो में रामदेव एलोपैथी को 'स्टुपिड और दिवालिया साइंस' कहते हुए सुने जा रहे थे। इसके बाद IMA ने स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर इस बयान का संज्ञान लेने और रामदेव के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी। विवाद बढ़ने पर इस बयान के लिए रामदेव ने खेद जताया था। एक अन्य बयान में उन्होंने वैक्सीन न लगवाने की बात कही थी, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि वो जल्द ही वैक्सीन लगवाएंगे।
रामदेव ने दिया कानूनी नोटिस को बताया गलत
विवादों से घिरे रामदेव ने इसी बयानों फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) की ओर से भेजे गए कानूनी नोटिस का जवाब दिया है। FAIMA का कहना था का रामदेव के बयानों से चिकित्सकों की भावनाएं आहत हुई हैं और उन्होंने आधुनिक चिकित्सा के खिलाफ भ्रम फैलाने का भी प्रयास किया है। इसके जवाब में रामदेव ने नोटिस को पूरी तरह से गलत और अधूरी जानकारी के आधार पर जारी किया गया बताया।