
पंजाब के विधायकों को अब मिलेगी सिर्फ एक कार्यकाल की पेंशन, मुख्यमंत्री मान का ऐलान
क्या है खबर?
पंजाब विधानसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) ने सत्ता संभालने के साथ ही राज्य के बजट में सुधार के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
इसको लेकर सरकार ने अब राज्य के सभी विधायकों को केवल एक ही कार्यकाल की पेंशन देने और पूर्व विधायकों के परिवार को मिलने वाले भत्तों में कटौती करने का निर्णय किया है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को वीडियो संदेश के जरिए इसका ऐलान किया है।
बोझ
पेंशन से पड़ रहा राज्य के खजाने पर बोझ- मान
मुख्यमंत्री मान ने कहा, "हमारे MLA हाथ जोड़कर लोगों से वोट मांगते हैं। कई राज नहीं सेवा की बात कहते हैं। हैरानी की बात यह है बहुत से MLA तीन पर जीतकर हार गए, चार बार जीते, पांच बार जीते, लेकिन अब विधानसभा में नहीं आए। उन्हें हर महीने लाखों रुपये की पेंशन मिलती है।"
उन्होंने कहा, "किसी को साढ़े तीन लाख, साढ़े चार लाख तो सवा पांच लाख रुपये पेंशन मिलती है। इससे सरकारी खजाने पर बोझ पड़ता है।"
पेंशन
"विधायकों को मिलेगी केवल एक कार्यकाल की पेशन"
मुख्यमंत्री मान ने कहा, "कई ऐसे हैं, जो सांसद और MLA दोनों की पेंशन ले रहे हैं। तो आज पंजाब सरकार बहुत बड़ा फैसला करने जा रही है कि अब विधायक भले ही दो बार जीते, पांच बार जीते या फिर सात बार जीते, लेकिन पेंशन उन्हें एक कार्यकाल की ही मिलेगी।"
उन्होंने आगे कहा, "इस पेंशन कटौती से जितने भी करोड़ों रुपयों की बचत होगी, उसे प्रदेश की जनता की भलाई के लिए ही खर्च किया जाएगा।"
बयान
पारिवारिक पेंशन में भी की जाएगी कटौती- मान
मुख्यमंत्री मान ने कहा, "वर्तमान में प्रदेश के कई विधायकों के परिवारों को भी बहुत अधिक पेंशन मिल रही है। ऐसे में अब उसमें भी कटौती की जाएगी। इसके लिए राज्य के जिम्मेदार अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दे दिए गए हैं।"
मुद्दा
मुख्यमंत्री ने बेरोजगारी को बताया सबसे बड़ा मुद्दा
इससे पहले मुख्यमंत्री मान ने राज्य में बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा करार दिया।
उन्होंने कहा, "पंजाब के युवा डिग्रियां लेकर घर बैठे हुए हैं। वह नौकरी मांगने जाते हैं तो उन पर लाठियां बरसाई जाती है और पानी की बौछारे की जाती हैं। सड़कों पर युवाओं की पगड़ियां उतरती हैं। ऐसे में बेरोजगारी को खत्म करने के लिए बड़ी घोषणाएं करना जरूरी हैं।"
बता दें कि मुख्यमंत्री मान पहले 25,000 पदों पर भर्ती की घोषणा कर चुके हैं।
सबसे ज्यादा
पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री को मिलती है सबसे ज्यादा पेंशन
पंजाब में अभी तक जीत के आधार पर प्रत्येक कार्यकाल की अलग पेंशन का प्रावधान था।
इसके कारण पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके प्रकाश सिंह बादल को सबसे अधिक पौने छह लाख पेंशन मिलनी थी। हालांकि, कुछ दिन पहले उन्होंने पेंशन लेने से इन्कार कर दिया था।
उनके अलावा छह बार विधायक रहीं पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर, लाल सिंह, सरवण सिंह फिल्लौर को 3.25 लाख और बलविंदर सिंह भूंदड़ और सुखदेव ढींढसा को सवा दो लाख रुपए पेंशन मिलती है।
स्वागत
कांग्रेस विधायक ने किया फैसले का स्वागत
मुख्यमंत्री मान के इस फैसले का कांग्रेस नेता और विधायक परगट सिंह ने स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री मान के एक विधायक, एक पेंशन के फैसले का स्वागत करते हैं। इससे पंजाब का वित्त पर बोझ कम होगा। मुख्य विपक्षी दल के रूप में कांग्रेस रचनात्मक और जिम्मेदारी पूर्वक भूमिका निभाती रहेगी। पंजाब उनके लिए सबसे पहले आता है।
बता दें कि पंजाब सरकार के इस फैसले से कई विधायकों को बड़ा झटका लगा है।
भ्रष्टाचार
पंजाब में 23 मार्च को लॉन्च हुई थी भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन
बता दें कि इससे पहले 17 मार्च को मुख्यमंत्री मान ने राज्य में भ्रष्टाचार को खत्म करने 23 मार्च से नई हेल्पलाइन शुरू करने का ऐलान किया था।
उन्होंने कहा था कि हेल्पलाइन में उनका पर्सनल वॉट्सऐप नंबर होगा और लोग रिश्वत मांगे जाने पर उसकी वीडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग करके उन्हें भेज सकते हैं। पंजाब में अब भ्रष्टाचार नहीं चलेगा।
इसके बाद 23 मार्च को सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ 95012-00200 नंबर जारी किया था।
चुनाव
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
पंजाब में विधानसभा चुनावों में AAP को प्रचंड बहुमत मिला है। पार्टी ने 117 में से 92 सीटों पर जीत दर्ज की।
कांग्रेस की स्थिति बेहद खराब रही और वह मात्र 18 सीटें जीत पाई थीं। अकाली दल तीन और अमरिंदर सिंह और भाजपा का गठबंधन मात्र दो सीटें जीत पाया। बसपा और निर्दलीय ने एक-एक सीट जीती थीं।
उसके बाद भगवंत मान ने भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।