चुनाव घोषणा से ठीक पहले पंजाब में बदला DGP, अब वीके भवरा होंगे नए पुलिस प्रमुख

पंजाब सरकार ने शनिवार को विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से महज कुछ घंटे पहले ही राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को हटाकर उनकी जगह वीके भवरा को नया पुलिस प्रमुख नियुक्त कर दिया है। ऐसे में वह मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के कार्यकाल में महज 100 दिन में तीसरे DGP होंगे। बता दें कि सरकार ने नए DGP की नियुक्ति संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा भेजे गए तीन नामों में से की है।
बता दें पंजाब सरकार ने आचार संहिता लगने से पहले राज्य में नए DGP की नियुक्ति के लिए 10 भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों के नाम का पैनल बनाकर UPSC को भेजा था। तीन दिन पहले UPSC ने इनमें से DGP के लिए तीन नामों की मंजूरी दी थी। इनमें 1987 बैच के दिनकर गुप्ता, स्पेशल DGP (जांच) लोकपाल वीके भवरा और 1988 बैच के प्रबोध कुमार के नाम शामिल थे। ऐसे में चट्टोपाध्याय को हटाना जरूरी हो गया था।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, UPSC से तीन नामों की स्वीकृति आने के बाद भी मुख्यमंत्री चट्टोपाध्याय को हटाने के पक्ष में नहीं थे। यही कारण था कि उन्होंने भवरा को DGP बनाए जाने वाली फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। इतना ही नहीं उन्होंने UPSC के पैनल पर असहमति जताने के संबंध में एडवोकेट जनरल (AG) से भी चर्चा की थी, लेकिन UPSC के अधिकार को देखते हुए चट्टोपाध्याय को हटाना जरूरी हो गया था।
सूत्रों के अनुसार, पंजाब सरकार के आचार संहिता से पहले DGP को बदलने का निर्णय करने के पीछे एक अन्य बड़ा कारण यह रहा कि यदि वह चट्टोपाध्याय को नहीं हटाती तो आचार संहिता के बार राज्य की बागडोर चुनाव आयोग के हाथों में चली जाती। ऐसे में आयोग UPSC पैलन द्वारा स्वीकृत तीन नामों में से किसी की भी नियुक्ति कर सकता था। इसमें दिनकर गुप्ता प्रमुख थे और चन्नी सरकार उन्हें दोबारा DGP नहीं बनने देना चाहती थी।
बता दें कि पंजाब में सरकार बदलने के साथ ही कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी और पूर्व DGP दिनकर गुप्ता को पता लग गया था कि उन्हें पद से हटाया जाएगा। ऐसे में वो छुट्टी पर चले गए थे। उसके बाद पहले DGP डीजीपी के पद पर IPS इकबाल प्रीत सहोता को अतिरिक्त चार्ज दिया गया था, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू के ऐतराज पर उनके करीबी IPS सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को DGP का अतिरिक्त चार्ज दिया गया था।
बता दें कि 5 जनवरी को पंजाब दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रदर्शनकारियों के सड़क जाम करने के कारण हुसैनीवाला से 30 किलोमीटर पहले एक फ्लाईओवर पर 15-20 मिनट तक खड़े रहना था। गृह मंत्रालय ने इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में गंभीर चूक बताते हुए पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। इस मामले में DGP चट्टोपाध्याय पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। केंद्रीय जांच टीम ने इस मामले में उन्हें तलब भी किया है।