निर्वाचन आयोग ने जारी की कोरोना गाइडलाइंस, चुनाव अधिकारियों के लिए बूस्टर डोज होगी अनिवार्य
देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट आने के बाद से संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसी बीच चुनाव आयोग ने शनिवार को उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही आयोग ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए गाइडलाइंस भी जारी की है। जिसमें चुनाव अधिकारियों के लिए बूस्टर डोज (तीसरी खुराक) अनिवार्य करने के साथ कई पाबंदियां लगाई गई है।
किस राज्य में कब होंगे चुनाव?
कोविड प्रोटोकॉल के साथ होने वाले चुनावों की शुरुआत 10 फरवरी से होगी और 10 मार्च को पांचों राज्यों के नतीजों का ऐलान होगा। उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होगा। इसी तरह पंजाब, गोवा, उत्तराखंड में 14 फरवरी को एक साथ एक ही चरण में वोट डाले जाएंगे। इसके अलावा मणिपुर में 27 फरवरी को पहले और 3 मार्च को दूसरे चरण का मतदान होगा।
चुनाव अधिकारियों के लिए अनिवार्य होगी बूस्टर डोज
चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई कोरोना गाइडलाइंस के तहत पांचों राज्यों में चुनाव ड्यूटी पर लगाए जाने वाले सभी अधिकारियों के लिए वैक्सीन की बूस्टर डोज अनिवार्य की गई है। हालांकि, इन अधिकारियों को सरकार के नियमों के तहत ही वैक्सीन लगाई जाएगी। इसी तरह आयोग ने 15 जनवरी तक रोडशो, पदयात्रा, रैली, बाइक और कार रैलियों पर भी रोक लगाई है। 15 जनवरी को स्थिति की समीक्षा के बाद नए निर्देश जारी किए जाएंगे।
मतगणना के बाद नहीं निकाले जा सकेंगे विजयी जुलूस
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, सार्वजनिक सड़कों और जगहों पर नुक्कड़ सभा नहीं होगी और 10 मार्च को मतगणना के बाद कोई भी उम्मीदवार या पार्टी विजयी जुलूस नहीं निकाल सकेगी। इसी तरह घर-घर जाकर प्रचार करने में अधिकतम पांच लोगों की अनुमति होगी तथा उम्मीदवार और पार्टियों को भौतिक प्रचार की जगह डिजीटल प्रचार पर अधिक फोकस करना होगा। आयोग ने स्पष्ट किया है कि गाइडलाइंस का उल्लंघन होने पर रैलियों को रद्द किया जाएगा।
गाइडलाइंस के उल्लंघन के लिए मुख्य सचिव और जिला मजिस्ट्रेट होंगे जिम्मेदार
आयोग ने कहा है कि किसी भी राज्य में गाइलाइंस का उल्लंघन होने पर राज्य के मुख्य सचिव और संबंधित जिला मजिस्ट्रेट जिम्मेदार होंगे। मामले में पूरी जवाबदेही उनकी होगी। इसी तरह यदि डिजीटल प्रचार के लिए वाहन रैली निकाली जाती है तो प्रत्येक पांच वाहनों के बाद उसे तोड़ना होगा यानी रैली में पांच से अधिक वाहन शामिल नहीं हो सकेंगे। महामारी की स्थिति को देखते हुए सभी राज्यों में मतदान के समय को एक घंटा बढ़ाया जाएगा।
राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों को देना होगा शपथ पत्र
गाइडलाइंस के अनुसार, सभी राजनीतिक दल या उसके उम्मीदवारों को आवेदन पत्र के साथ कोविड प्रोटोकॉल और गाइडलाइंस का पालन करने का शपथ पत्र देना होगा। इसके बाद उल्लंघन होने पर संबंधित दल या उम्मीदवार की जिम्मेदारी होगी।
चुनावी राज्यों में रात 8 से सुबह 8 बजे तक रहेगा कैंपेन कर्फ्यू
आयोग ने चुनाव इतिहास में पहली बार कैंपेन कर्फ्यू (चुनाव प्रचार अभियान कर्फ्यू) का भी ऐलान किया है। इसके तहत पांचों चुनावी राज्यों में प्रतिदिन रात 8 से सुबह 8 बजे तक कैंपेन कर्फ्यू लागू रहेगा। किसी भी दिन इस दौरान चुनाव प्रचार की अनुमति नहीं होगी। इसी तरह सभी मतदान केंद्रों पर मास्क, सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनर की व्यवस्था होगी। भीड़ से बचने के लिए किसी भी मतदान केंद्र पर 1,250 से अधिक मतदाता नहीं होंगे।
स्टार प्रचारकों की संख्या में की कटौती
आयोग ने चुनाव प्रचार को सीमित करने के लिए स्टार प्रचारकों की संख्या में भी कटौती की है। इसके तहत राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों के लिए स्टार प्रचारकों की अधिकतम संख्या को 40 से घटाकर 30 और छोटे, गैर-मान्यता प्राप्त दलों के लिए संख्या को 20 से घटाकर 15 किया गया है। इसके अलावा भीड़ पर नियंत्रण के लिए सभी उम्मीदवार केवल ऑनलाइन नामांकन दाखिल कर सकेंगे। सभी उम्मीदवारों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध रहेगी।
दिव्यांग, बुजुर्ग और कोरोना संक्रमित पोस्टल बैलेट से कर सकेंगे मतदान
आयोग ने कोरोना महामारी को देखते हुए 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, दिव्यांगों और कोरोना संक्रमितों को मतदान के लिए पोस्टल बैलेट की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में ये लोग घर बैठे ही मतदान में भागीदारी निभा सकेंगे।