उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सपा के साथ गठबंधन कर सकती है AAP
आम आदमी पार्टी (AAP) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर सकती है। पार्टी नेता संजय सिंह ने बुधवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ बैठक के बाद ये बात कही। उन्होंने कहा, "हम एक-दूसरे से बातचीत कर रहे हैं और गठबंधन की तरफ बढ़ रहे हैं।" इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच दोे महीने पहले मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन के मौके पर भी मुलाकात हुई थी।
लगभग एक घंटे तक चली बैठक
रिपोर्ट के अनुसार, संजय सिंह और अखिलेश के बीच लखनऊ के लोहिया ट्रस्ट दफ्तर में बैठक हुई जो लगभग एक घंटे चली। सूत्रों ने कहा कि बैठक में चुनाव पर चर्चा की गई और संजय बातचीत से खुश नजर आए। अब नजरें दोनों पार्टियों के आधिकारिक गठबंधन पर है। उत्तर प्रदेश में AAP का कोई खास आधार नहीं है, ऐसे में यह देखना अहम होगा कि सपा उसे कितना महत्व देती है।
छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन की रणनीति अपना रहे हैं अखिलेश
बता दें कि अखिलेश पहले ही साफ कर चुके हैं कि वे उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए भी किसी भी बड़ी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे और छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन करके भाजपा को टक्कर देने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा था कि बड़ी पार्टियों के साथ गठबंधन का उनका अनुभव अच्छा नहीं है। इस बयान में उनका इशारा 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और 2019 लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन से था।
इन छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन कर चुकी है सपा
सपा अभी तक जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल और ओमप्रकाश राजभर की सुलेहदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) जैसी छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन का ऐलान कर चुकी है। लोकदल के साथ सीट समझौते पर बातचीत अंतिम दौर में हैं। AAP इस कड़ी में अगली पार्टी हो सकती है। अखिलेश असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के साथ गठबंधन न करने का ऐलान भी कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि ओवैसी के साथ कोई बातचीत नहीं होगी।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने हैं विधानसभा चुनाव
राजनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होेने हैं। अभी तक के रुझानों में इन चुनावों में मुख्य टक्कर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा और अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा में नजर आ रही है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और उनकी पार्टी बहुजन समाज पार्टी को खारिज करना भी गलती होगी। कांग्रेस मुख्य रेस में नहीं है, हालांकि बेहतर प्रदर्शन करके भाजपा या विपक्ष किसी एक का खेल बिगाड़ सकती है।