हिजाब विवाद पर प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया, कहा- महिलाओं को मर्जी के कपड़े पहनने का अधिकार
कर्नाटक के स्कूल और कॉलेजों में छात्राओं के हिजाब पहनकर आने पर चल रहे विवाद के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि चाहे बिकिनी, घूंघट या फिर जीन्स, यह महिलाओं का अधिकार है कि वे क्या पहनना चाहती हैं। उन्हें यह अधिकार संविधान से मिला है। प्रियंका से पहले नोबल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई ने भी इस विवाद को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी थी, जिस पर भाजपा ने पलटवार किया है।
क्या है हिजाब पहनने को लेकर विवाद?
पिछले कुछ दिनों से कर्नाटक के कई स्कूल और कॉलेजों में छात्राओं के हिजाब पहनकर आने पर विवाद चल रहा है। 28 दिसंबर को उडुपी के पीयू कालेज में छह छात्राओं को हिजाब पहनने पर कक्षाओं में प्रवेश न देने से हुई थी। इसके बाद छात्राओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। कई छात्र इसके विरोध में उतर आए और यह विवाद उडुपी से दूसरे जिलों में भी फैलने लगा। फिलहाल हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई चल रही है।
प्रियंका गांधी ने क्या कहा?
प्रियंका गांधी ने बुधवार सुबह ट्विटर पर लिखा, 'चाहें बिकनी पहनें, घूंघट पहनें, जींस पहनें या फिर हिजाब, यह महिलाओं का अधिकार है कि वह क्या पहनना चाहती है। भारत के संविधान में उसे कुछ भी पहनने की गारंटी दी गई है। महिलाओं को प्रताड़ित करना बंद करें।' इस ट्वीट में उन्होंने 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' हैशटैग का इस्तेमाल किया है। बता दें कि कांग्रेस इसी थीम के सहारे उत्तर प्रदेश के चुनावी मैदान में उतरी है।
राहुल गांधी भी कर चुके हैं छात्राओं का समर्थन
प्रियंका से पहले राहुल गांधी ने भी हिजाब के कारण कक्षाओं में बैठने से रोकी गई छात्राओं के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की थी। कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, 'छात्रों के हिजाब को उनकी शिक्षा में आड़े आने देकर हम भारत की बेटियों का भविष्य लूट रहे हैं। मां सरस्वती सभी को ज्ञान देती हैं। वह भेद नहीं करती।' कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने भी छात्राओं का समर्थन करते हुए प्रदर्शन किया था।
मलाला युसुफजई ने भी दी प्रतिक्रिया
नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई ने इस विवाद पर छपी एक खबर को ट्वीट करते हुए लिखा कि लड़कियों को हिजाब में स्कूल जाने से रोकना भयावह है। महिलाओं का वस्तुकरण किया जाना जारी है। भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं का हाशिये पर जाने रोकना चाहिए। मलाला के इस ट्वीट पर भाजपा ने कड़ा विरोध जताया है। कर्नाटक भाजपा के नेता सीटी रवि ने सवाल उठाया कि भारत के आंतरिक मामलों पर मलाला कैसे बोल सकती हैं?
हाई कोर्ट ने की शांति बनाए रखने की अपील
इस मामले में मंगलवार दोपहर कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस कृष्ण एस की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उसे इस मुद्दे पर भावनाओं को परे रखकर कानून के अनुसार फैसला लेना होगा। सरकार कुरान के खिलाफ फैसला नहीं दे सकती है। पसंद की पोशाक या हिजाब पहनना मौलिक अधिकार है, लेकिन सरकार मौलिक अधिकारों को प्रतिबंधित कर सकती है। कोर्ट ने छात्र-छात्राओं और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।