प्रधानमंत्री मोदी की भाजपा सांसदों को चेतावनी, कहा- खुद को बदलें, नहीं तो बदलाव होगा
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा सासंदों की संसद से अनुपस्थिति पर सख्त रुख अख्तियार किया है। सांसदों को चेतावनी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे खुद को बदलें, नहीं तो बदलाव किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि बच्चों की तरह बार-बार एक ही बात समझाना अच्छा नहीं है।
आज दिल्ली में भाजपा की संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों को ये फटकार लगाई। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य कई मंत्री भी शामिल हुए।
फटकार
बैठक में क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी?
NDTV के सूत्रों के अनुसार, बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "कृपया संसद और बैठकों में नियमित तौर पर उपस्थित रहें। बच्चों की तरह बार-बार एक ही बात को समझाना मेरे लिए अच्छा नहीं है। अगर आप खुद को नहीं बदलते तो आने वाले समय में बदलाव होंगे।"
उन्होंने कहा कि संसद में सभी सांसदों को उपस्थिति रहना चाहिए, भले ही कोई विधेयक आ रहा हो या नहीं। वे पहले भी सांसदों को अनुशासित रहने की बात कह चुके हैं।
संसद की कार्यवाही
संसद में घिरी हुई है सरकार
प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा सांसदों को ये चेतावनी ऐसे समय पर दी है जब संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार को विपक्ष के हंगामे का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार नागालैंड में सुरक्षबलों की फायरिंग में 14 ग्रामीणों की मौत और कृषि कानूनों समेत कई मुद्दों पर घिरी हुई है।
विपक्षी सांसद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की किसानों की मांग को लेकर भी सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं।
अन्य मुद्दे
12 विपक्षी सांसदों के निलंबन को लेकर भी सरकार और विपक्ष आमने-सामने
12 विपक्षी सांसदों को निलंबित करने के लिए भी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। मानसून सत्र के आखिरी दिन "हिंसक व्यवहार" करने के लिए इन सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था।
विपक्ष अपने इन सांसदों के निलंबन की वापसी की मांग कर रहा है, वहीं सरकार का कहना है कि जब तक निलंबित सांसद माफी नहीं मांगेंगे, उनका निलंबन वापस नहीं लिया जाएगा।
हंगामा
पहले हफ्ते में हंगामे की भेंट चढ़ा राज्यसभा का आधे से अधिक समय
बता दें कि शीतकालीन सत्र के पहले हफ्ते में राज्यसभा का 52 प्रतिशत से अधिक समय विपक्ष के हंगामे के कारण बर्बाद हो गया था।
पूरे हफ्ते में सदन की कुल उत्पादकता 47.70 प्रतिशत रही। हालांकि गुरूवार को सदन की कार्यवाही तय समय से 33 मिनट अधिक चली और इससे सदन की उत्पादकता बढ़कर 49.70 प्रतिशत हो गई।
शुक्रवार को भी सदन में शत-प्रतिशत काम हुआ और एक निजी विधेयक भी पेश किया गया।