संसद मार्च के लिए निकले JNU छात्रों की पुलिस से भिड़ंत, फीस बढ़ोतरी को देखेगी समिति
दिल्ली स्थित जवाहल लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्र पिछले कई दिनों से फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। मानव संसाधन मंत्रालय ने छात्रों के सामने झुकते एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। यह समिति फीस बढ़ोतरी समेत सभी विवादित मुद्दों के समाधान के लिए सभी शेयरधारकों से बात करेगी। वहीं दिल्ली पुलिस ने छात्रों के संसद मार्च को देखते हुए संसद भवन के आसपास धारा 144 लगा दी है ताकि लोग इकट्ठा न हो पाएं।
समिति में शामिल होंगे तीन सदस्य
मानव संसाधन मंत्रालय ने UCG के पूर्व उप प्रमुख प्रोफेसर वीएस चौहान, AICTE के प्रमुख प्रोफेसर अनिल सहस्त्रबुद्धे और UGC सेक्रेटरी प्रोफेसर रजनीश जैन को इस समिति का सदस्य बनाया है। यह समिति JNU छात्र संघ, प्रशासन समेत सभी शेयरधारकों से बात कर अपनी सिफारिशें मंत्रालय को सौंपेगी, जिस आधार पर आगे के कदम उठाए जाएंगे। मंत्रालय का यह समिति गठन का फैसला संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले आया है।
छात्र विरोध क्यों कर रहे हैं?
JNU प्रशासन ने पिछले महीने नए हॉस्टल मैनुअल को मंजूरी दी थी। इसमें 1,700 रुपये प्रति महीने का नया सर्विस चार्ज जोड़ा गया है, जो छात्रों से वसूला जाएगा। इसके अलावा हॉस्टल में सिंगल कमरे का किराया बढ़ाकर 20 रुपये से 600 रुपये प्रति महीना और डबल सीटर का किराया 10 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रति महीना किया गया था। इस बढ़ोतरी के विरोध में JNU के छात्र तीन सप्ताह से विरोध कर रहे हैं।
फीस में कटौती से संतुष्ट नहीं छात्र
छात्रों के विरोध के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने फीस बढ़ोतरी में आंशिक कटौती की थी, लेकिन छात्र इससे संतुष्ट नहीं है। छात्रों का कहना है कि यह आंखों में धूल झोंकने का प्रयास है।
छात्रों के संसद मार्च को रोका गया
छात्रों ने सोमवार को संसद मार्च का ऐलान किया था। इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने संसद भवन की तरफ आने वाले सभी रास्तों पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। यूनिवर्सिटी के बाहर से लेकर संसद तक पुलिसबल तैनात किया गया है। पुलिस ने संसद की ओर बढ़ रहे इस मार्च को रास्ते में रोका है। खबरें आ रही हैं कि छात्र पुलिस की तीन स्तरीय सुरक्षा को पार कर गए हैं, जिसके बाद CRPF को बुलाया गया है।