NRC और डिटेंशन सेंटर पर क्यों झूठ बोल रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी?
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रामलीला मैदान में रैली के साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार की शुरूआत की।
चूंकि नागरिकता कानून के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन के बीच ये रैली हुई, इसलिए उम्मीद मुताबिक उन्होंने इसमें अधिकांश समय नागरिकता कानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) पर ही बात की।
लेकिन इस दौरान उन्होंने दो बातें ऐसी कहीं जो तथ्यों से बिल्कुल परे झूठ थीं। क्या थी ये दो बातें, आइए आपको बताते हैं।
भाषण
प्रधानमंत्री बोले- मेरी सरकार में NRC शब्द पर भी चर्चा नहीं हुई
रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "NRC का भी ऐसा झूठ चलाया जा रहा है। ये कांग्रेस के जमाने में बना था... हमने तो बनाया नहीं, संसद में आया नहीं, न कैबिनेट में आया है, उन उसके कोई नियम-कायदे बने हैं। हौव्वा खड़ा किया जा रहा है... पहले ये तो देख लीजिए कि NRC के ऊपर कुछ हुआ भी है क्या। मेरी सरकार आने के बाद 2014 से आजतक... कहीं पर भी NRC शब्द पर कोई चर्चा नहीं हुई है।"
बयान
"सुप्रीम कोर्ट के कहने पर सिर्फ असम में करना पड़ा NRC"
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, "सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ने जब कहा तो वो सिर्फ असम के लिए करना पड़ा। क्या बातें कर रहे हो, झूठ फैलाया जा रहा है।" लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की ये बात सच से कोसों दूर है।
बयान
संसद में अमित शाह ने कहा था, पूरे देश में लागू होगा NRC
गृह मंत्री अमित शाह नागरिकता (संशोधन) बिल पर बहस के दौरान संसद में साफ कर चुके हैं कि पूरे देश में NRC होगा।
9 दिसंबर को लोकसभा में उन्होंने कहा था, "औवेसी साहब ने अभी कहा कि NRC का बैकग्राउंड बना रहे हैं। NRC का कोई बैकग्राउंड बनाने की जरूरत नहीं है, इस पर हम बिल्कुल साफ हैं कि इस देश में NRC होकर रहेगी। कोई बैकग्राउंड बनाने की जरूरत नहीं है, हमारा घोषणापत्र ही बैकग्राउंड है।"
अमित शाह बयान
"मान कर चलिए NRC आने वाला है"
अमित शाह ने कहा था, "NRC और इसको (नागरिकता कानून) को जोड़ने की जरूरत नहीं है। NRC करेंगे तब स्पष्टता के साथ इसी सदन में इसी प्रकार से एक भी शब्द छोड़े वगैर मैं सबको इसकी भी जानकारी दूंगा। मान कर चलिए कि NRC आने वाला है।"
इसके अलावा भी अमित शाह अन्य कई मौकों पर और खासकर पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान कई बार कह चुके हैं कि देशभर में NRC किया जाएगा।
जानकारी
भाजपा के घोषणापत्र में भी थी पूरे देश में NRC लागू करने की बात
शाह के अलावा मोदी सरकार के कई अन्य मंत्री और भाजपा सांसद भी कई बार पूरे देश में NRC लागू करने की बात कह चुके हैं। इसके अलावा भाजपा के 2019 लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में भी पूरे देश में NRC कराए जाने का वादा था।
डिटेंशन सेंटर
डिटेंशन सेंटर पर भी प्रधानमंत्री मोदी ने बोला झूठ
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी रैली में इसके अलावा एक और बड़ा झूठ बोला।
NRC से बाहर हुए लोगों के लिए बनाए जा रहे डिटेंशन सेंटर्स के बारे में उन्होंने कहा, "कांग्रेस और उसके साथी, शहरों में रहने वाले कुछ पढ़े लिखे अर्बन नक्सल ये अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा। मैं हैरान हूं कि इस अफवाह में अच्छे-अच्छे पढ़े-लिखे भी वो भी पूछ रहे हैं कि ये डिटेंशन सेंटर क्या होता है।"
दावा
"हिंदुस्तान में कोई भी डिटेंशन सेंटर नहीं"
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, "अभी भी जो भ्रम में है मैं उन्हें कहूंगा कि कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेंशन सेंटर की अफवाहें सरासर झूठ हैं, बद-इरादे वाली है। देश को तबाह करने के नापाक इरादों से भरी पड़ी है। ये झूठ है, झूठ है, झूठ है... देश के मुसलमानों को न किसी डिटेंशन सेंटर में भेजा जा रहा है और न हिंदुस्तान में कोई डिटेंशन सेंटर है... ये सफेद झूठ है।"
असम डिटेंशन सेंटर
असम के गोलपारा में डिटेंशन सेंटर बनकर लगभग तैयार
अगर तथ्यों पर गौर करें तो यहां सफेद झूठ कांग्रेस नहीं प्रधानमंत्री मोदी बोल रहे हैं।
असम के गोलपारा में देश का पहला स्थाई डिटेंशन सेंटर बनाया जा रहा है जिसका निर्माण कार्य इस महीने पूरा होने की उम्मीद है।
सात फुटबॉल स्टेडियम के बराबर बड़े 2,88,000 स्क्वेयर फीट के इस डिटेंशन सेंटर में 15 चार मंजिला इमारत होंगी और इसमें 3,000 लोग रह सकेंगे। इसे बनाने में कुल 46 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
जानकारी
असम में बनने हैं 10 डिटेंशन सेंटर
असम सरकार ने पूरे राज्य में ऐसे 10 डिटेंशन सेंटर बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। इसके अलावा राज्य में पहले से ही छह अस्थाई डिटेंशन हैं जिनमें खराब परिस्थितियों के कारण 28 लोगों को मौत हो चुकी है।
कर्नाटक डिटेशन सेंटर
कर्नाटक में जनवरी से शुरू होने जा रहा है डिटेंशन सेंटर
असम के अलावा एक और भाजपा शासित प्रदेश कर्नाटक में बेंगलुरू से 40 किलोमीटर दूर नेलामंगला में भी एक डिटेंशन सेंटर बनाया गया है।
इस डिटेंशन का निर्माण नहीं किया गया है बल्कि एक हॉस्टल की इमारत को चयनित करके उसे एक डिटेंशन सेंटर में बदला गया है।
इसे जनवरी में शुरू किया जाएगा और कर्नाटक में रह रहे अवैध अप्रवासियों को इसमें रखा जाएगा। इसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
महाराष्ट्र डिटेंशन सेंटर
महाराष्ट्र में भी डिटेंशन सेंटर के लिए जमीन की पहचान हुई
वहीं महाराष्ट्र में पिछली भाजपा सरकार के दौरान ही डिटेंशन सेंटर के लिए नवी मुंबई के नेरूल में तीन एकड़ जमीन की पहचान कर ली गई थी।
तब महाराष्ट्र के गृह विभाग में मुख्य सचिव रहे अमिताभ गुप्ता ने बताया था कि केंद्र सरकार के सभी राज्यों को डिटेंशन सेंटर के लिए जमीन चयनित करने का निर्देश देने के बाद जुलाई में महाराष्ट्र में डिटेंशन सेंटर के लिए जमीन की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी।
मॉडल डिटेंशन सेंटर मैन्युअल
'मॉडल डिटेंशन सेंटर मैन्युअल' को संसद में पेश कर चुकी है सरकार
डिटेंशन सेंटर को लेकर केंद्र सरकार ने एक 'मॉडल डिटेंशन सेंटर मैन्युअल 2019' भी बनाया है जिसकी गाइडलाइंस के बारे में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने 24 जुलाई को राज्यसभा को बताया था।
इस मैन्युअल के अनुसार, जिस भी जिले या शहर में भी बड़ा इमिग्रेशन चेकपोस्ट हो वहां डिटेंशन सेंटर अवश्य होना चाहिए।
असम वगैरा में जहां भी डिटेंशन बनाए जा रहे हैं, उन सभी का निर्माण इसी मैन्युअल के आधार पर हो रहा है।
जानकारी
किस आधार पर डिटेंशन सेंटर न होने की बात कह रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी?
इन सारे तथ्यों पर गौर करने के बाद क्या प्रधानमंत्री मोदी बता सकते हैं कि वो किसी आधार पर कोई भी डिटेंशन सेंटर न होने की बात कह रहे थे और जब NRC नहीं होनी तो डिटेंशन सेंटर किस लिए बनाए जा रहे हैं?
कारण
क्यों झूठ बोल रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी?
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार उनके खुद के बनाए हुए जाल में ही फंसती हुई नजर आ रही है।
पहले तो उन्होंने सभी माध्यमों से ये संदेश देने की कोशिश की कि NRC आने वाला है और इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। लेकिन अब नागरिकता कानून के बाद इसके और NRC के जबरदस्त विरोध को देखने के बाद उसे अपने पैर पीछे खींचने पड़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के झूठ बोलने का कारण यही नजर आता है।