
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री बोले, खराब नहीं बल्कि अच्छी सड़कों की वजह से होती हैं दुर्घटनाएं
क्या है खबर?
केंद्र सरकार के नए मोटर वाहन अधिनियम पर बहस के बीच कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं को लेकर अजीबोगरीब बयान दिया है।
कर्नाटक के तीन उप मुख्यमंत्रियों में शामिल गोविंद कारजोल ने नए अधिनियम के तहत ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भारी जुर्माना लगाने से पहले अच्छी सड़क बनाने की मांग पर जवाब देते हुए कहा कि दुर्घटनाएं खराब सड़कों की वजह से नहीं बल्कि अच्छी सड़कों की वजह से होतीं हैं।
बहस
उठ रही भारी जुर्माना लगाने से पहले अच्छी सड़क बनाने की मांग
दरअसल केंद्र सरकार के नए मोटर वाहन अधिनियम में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर जुर्माना कई गुना बढ़ा दिया गया है।
सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाने के लिए ये कदम उठाया है।
लेकिन इतने भारी जुर्माने को लेकर बहस छिड़ी हुई है और कई राज्य लोगों की सहूलियत को देखते हुए इसमें बदलाव करने की सोच रहे हैं।
इस बीच भारी जुर्माना लागू करने से पहले अच्छी सड़कें बनाने की मांग भी उठ रही है।
बयान
कारजोल बोले, राजमार्ग पर 120 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ते हैं वाहन
कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार में उप मुख्यमंत्री गोविंद कारजोल के सामने भारी जुर्माने और अच्छी सड़कों का ये सवाल आया तो उन्होंने रिपोर्टर्स से कहा, "हर साल राज्य में लगभग 10,000 दुर्घटनाएं होती हैं। मीडिया इसके लिए खराब सड़कों को दोष देती है।"
"लेकिन मेरा मानना है कि ये अच्छी सड़कों की वजह से हो रहा है। आप देखते हैं कि राजमार्ग पर वाहन 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ते हैं।"
कर्नाटक सरकार
मुख्यमंत्री येदियुरप्पा भी भारी जुर्माने के पक्ष में नहीं
इस बीच कारजोल ने कहा कि वह खुद भी इतने भारी जुर्माने के पक्ष में नहीं हैं और कैबिनेट बैठक में इनके कम करने पर फैसला लिया जाएगा।
खबरों के अनुसार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भारी जुर्माने के पक्ष में नहीं हैं।
उन्होंने जुर्माना कम करने के लिए 'गुजरात मॉडल' अपनाने का निर्देश दिया है।
कर्नाटक सरकार ने जुर्माना कम करने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है।
स्थिति
दो राज्यों ने किया जुर्माना, छह में लागू नहीं हुआ नया कानून
बता दें कि गुजरात सरकार ने अपने यहां नए मोटर वाहन अधिनियम के तहत लगने वाले जुर्माने को घटाकर आधा कर दिया है।
गुजरात की तरह उत्तराखंड ने भी जुर्माने की राशि को कम कर दिया है।
इसके अलावा छह राज्यों, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब और छत्तीसगढ़ ने नए कानून को अभी तक अपने यहां लागू नहीं किया है।
उनका कहना है कि इसके तहत भारी जुर्माना वसूला जा रहा है।
प्रतिक्रिया
गडकरी बोले, नतीजे भुगतने को तैयार रहें राज्य
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राज्य सरकारें अपने अधिकार का इस्तेमाल कर जुर्माना कम कर सकती है लेकिन उन्हें इसके नतीजे भुगतने होंगे।
उन्होंने कहा, "नए कानून में भारी जुर्माने का प्रावधान कर सरकार का मकसद पैसा कमाना नहीं बल्कि लोगों की जान बचाना था। राज्य सरकारें जुर्माना कम कर रही हैं तो उन्हें इसके नतीजे भुगतने होंगे क्योंकि जान बचाना केंद्र के साथ राज्यों की भी जिम्मेदारी है।"
जानकारी
किस उल्लंघन पर कितना जुर्माना?
नए कानून के तहत बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने पर 5,000 रुपये, बिना हेलमेट ड्राइविंग पर 1,000 रुपये, शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 10,000 रुपये, ट्रैफिक लाइट तोड़ने पर 1,000 रुपये, ओवरस्पी़ड पर 1,000-2,000 रुपये और सीट बेल्ट न पहनने पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।