महाराष्ट्र: क्या है 'नियम 12' जिसका प्रयोग कर प्रधानमंत्री मोदी ने हटाया राष्ट्रपति शासन?
महाराष्ट्र के पूरे सियासी ड्रामे में राज्य से रातोंरात राष्ट्रपति शासन हटाने के केंद्र सरकार के फैसले पर भी सवाल उठ रहे हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलोकेशन ऑफ बिजनस रूल्स 1961 के नियम 12 के तहत उन्हें प्राप्त विशेष अधिकारों का प्रयोग किया है। भाजपा ने उनके इस कदम को कानूनी तरीके से पूरी तरह सही बताया है। लेकिन आखिर नियम 12 है क्या और ये प्रधानमंत्री को क्या विशेष शक्तियां देता है, आइए आपको बताते हैं।
राष्ट्रपति शासन लगाने या हटाने से पहले केंद्रीय कैबिनेट की सिफारिश अनिवार्य
दरअसल, नियमों के अनुसार किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने या हटाने के लिए राष्ट्रपति को केंद्रीय कैबिनेट की सिफारिश की जरूरत होती है। उदाहरण के तौर पर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने से पहले केंद्रीय कैबिनेट ने इसकी सिफारिश राष्ट्रपति से की थी, जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया। लेकिन राष्ट्रपति शासन हटाते समय ऐसा नहीं किया गया और बिना कैबिनेट की सिफारिश के राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया।
नियम 12 देता है अकेले प्रधानमंत्री को फैसला लेने की शक्ति
इसके लिए प्रधानमंत्री को मिली विशेष शक्तियों का उपयोग किया गया। दरअसल, एलोकेशन ऑफ बिजनस रूल्स 1961 के नियम 12 के तहत प्रधानमंत्री किसी भी 'आपातकालीन और अप्रत्याशित आकस्मिकता' की स्थिति में खुद किसी भी राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश कर सकते हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक और सिफारिश की जरूरत नहीं होती और वो अकेले इस पर फैसला ले सकते हैं। महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा ही किया।
केवल अति-आवश्यक परिस्थितियों में ही हो सकता है नियम 12 को प्रयोग
लेकिन नियम 12 से जुड़ी हुई कुछ पेचीदगियां भी हैं। इस नियम का प्रयोग करके जो भी प्रस्ताव भेजे जाते हैं, उनमें विस्तार से ये बताया जाना जरूरी है कि मामला अति-आवश्यक क्यों हैं और वो असाधारण परिस्थितियां कौन सी हैं जिनके कारण इस नियम का प्रयोग किया जा रहा है। यानि इस नियम का प्रयोग केवल आपातकालीन परिस्थितियों में ही किया जा सकता है। महाराष्ट्र में ऐसी कौन सी "अति-आवश्यक" परिस्थितियां थीं, ये एक अहम सवाल है।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दी नियम 12 के प्रयोग की जानकारी
रातोंरात महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटाने पर सवाल के जवाब में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नियम 12 के प्रयोग की जानकारी दी। भाजपा ने राष्ट्रपति शासन हटाने के इस फैसले को कानूनी तौर पर पूरी तरह सही बताया है।
महाराष्ट्र में कैसे एक रात में बदला खेल?
दरअसल, किसी भी पार्टी के सरकार बनाने में नाकाम रहने के बाद महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ था। इस बीच शुक्रवार शाम को शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने साथ सरकार बनाने की घोषणा की। लेकिन अगले दिन वो सरकार बनाने का दावा पेश करते उससे पहले ही सुबह 5:30-6 बजे के आसपास पहले राष्ट्रपति शासन हटाया दिया गया और फिर करीब 7:45 बजे देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
अजित पवार की भूमिका पर गंभीर सवाल
NCP के अजित पवार ने फडणवीस के साथ उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। खबरों के अनुसार, अजित ने राज्यपाल को NCP के सभी विधायकों के हस्ताक्षर वाला एक समर्थन पत्र सौंपा था। ये समर्थन पत्र उन्हें शिवसेना को देने के लिए दिया गया था लेकिन उन्होंने इसका गलत इस्तेमाल किया। अजित ने उन्हें 35 NCP विधायकों के समर्थन का भी दावा किया जो गलत साबित हुआ और अभी उनके पास एक-दो से ज्यादा विधायक नहीं है।
अभी क्या है स्थिति?
NCP प्रमुख शरद पवार अपने भतीजे अजित पवार की बगावत की कोशिश को सफलतापूर्वक नियंत्रित करने में कामयाब रहे हैं और अभी उनके खेमे में 50 से अधिक विधायक हैं, जिन्हें एक होटल में रखा गया है। शिवसेना और कांग्रेस ने भी अपने विधायकों को होटल में रखा हुआ है। तीनों पार्टियां सुप्रीम कोर्ट भी पहुंची हैं और 24 घंटे के अंदर बहुमत परीक्षण की मांग की है। कोर्ट कल इस पर फैसला सुनाएगी।