NRC से बाहर हुए लोगों के लिए असम में बन रहा देश का पहला डिटेंशन सेंटर
असम के गोलपारा में देश के पहले डिटेंशन सेंटर का निर्माण कार्य जारी है। यहां उन लोगों को रखा जाएगा, जो अपनी नागरिकता साबित करने में नाकाम रहेंगे। असम में हाल ही में जारी हुई नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) की अंतिम सूची में 19 लाख लोगों को जगह नहीं मिली। अब इन लोगों के पास फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल से सुप्रीम कोर्ट तक का विकल्प है। यहां नागरिकता साबित नहीं कर पाने वाले लोगों को डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा।
दिसंबर तक पूरा होगा निर्माण कार्य
डिटेंशन सेंटर के निर्माण में लगे जूनियर इंजीनियर राबिन दास ने बताया इसका निर्माण कार्य पिछले साल दिसंबर में शुरू हुआ था और इस साल दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा, "इसकी लागत लगभग 46 करोड़ रुपये आएगी। कुल 2,88,000 स्क्वेयर फीट इलाके में 15 चार मंजिला इमारत बनाई जा रही है। उनमें से 13 पुरुषों और दो महिलाओं के लिए हैं।" इसमें सुरक्षाकर्मियों और अधिकारियोंं के लिए अलग से आवास बनाए जाएंगे।
कुल 3,000 लोगों के ठहरने की होगी क्षमता
दास ने बताया कि कुल 3,000 लोगों की क्षमता वाले इस सेंटर में 180 शौचालय, अस्पताल, किचन, डाइनिंग एरिया और स्कूल होगा। ग्रेड 4 अधिकारियों के लिए इसमें अलग बिल्डिंग और सुरक्षाबलों के लिए दो बैरक होंगे। सेंटर के चारों और लाल रंग की चारदीवारी बनाई जाएगी, जिसकी ऊंचाई 20 फीट होगी और चारों कोनों पर वॉचटॉवर बनाए जाएंगे। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसमें हॉस्टल की तरह कमरें बने होंगे, जिनमें हवा और रोशनी का इंतजाम होगा।
NRC से बाहर लोगों के पास अपील करने के लिए 120 दिन का समय
असम में 31 अगस्त को NRC की अंतिम सूची प्रकाशित हुई थी। कुल 3.3 करोड़ आवेदकों में से लगभग 19 लाख लोगों को इसमें जगह नहीं मिली थी। सूची से बाहर हुए लोग 120 दिनों के भीतर फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में अपील कर सकते हैं।
असम में बनेंगे 10 ऐसे सेंटर
सरकार ने कहा था कि अंतिम सूची से बाहर लोगों को विदेशी घोषित नहीं किया जाएगा। उन्हें फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के अलावा हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जाने का विकल्प भी मिलेगा। यह प्रक्रिया पूरी होने तक सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकेगी। अगर सुप्रीम कोर्ट में भी कोई व्यक्ति खुद की नागरिकता साबित नहीं कर पाया तो सरकार उन्हें डिटेंशन सेंटर में भेजेगी। असम में 10 डिटेंशन सेंटर बनाने की योजना है।
ऐसे शुरू हुआ था असम में NRC का मुद्दा
बांग्लादेश से असम में आने वाले अवैध घुसपैठियों पर बढ़े विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट ने NRC को अपडेट करने को कहा था। पहला रजिस्टर 1951 में जारी हुआ था। ये रजिस्टर असम का निवासी होने का सर्टिफिकेट है। असम देश का इकलौता राज्य है जहां सिटिजनशिप रजिस्टर की व्यवस्था लागू है। हालांंकि, अब बिहार और दिल्ली समेत दूसरे राज्यों में भी NRC लागू करने की मांग उठने लगी है।