नोटबंदी जैसे बड़े कदम के लिए तैयार मोदी सरकार, अब इस चीज़ पर लगेगी लगाम
काले धन पर शिकंजा कसने के लिए मोदी सरकार ने 2016 में नोटबंदी जैसा बड़ा फ़ैसल लिया था। अब तक लोग उस दर्द से ऊबर नहीं पाए हैं कि मोदी सरकार फिर से नोटबंदी जैसा एक बड़ा कदम उठाने के लिए तैयार है। दरअसल, काले धन से सोना ख़रीदने वालों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ख़ास स्कीम ला सकती है। ऐसे में लोगों को घर में रखे सोने की जानकारी देनी होगी। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
सरकार सोने के लिए ला रही है एमनेस्टी स्कीम
मिली जानकारी के अनुसार, सरकार, इनकम टैक्स की एमनेस्टी स्कीम के तर्ज़ पर सोने के लिए एमनेस्टी स्कीम ला सकती है। एक तय मात्रा से ज़्यादा बग़ैर रसीद वाले सोने पर उसकी जानकारी देनी होगी और सरकार को सोने की क़ीमत बतानी होगी।
ऐसे सोने पर चिंता करने की ज़रूरत नहीं
वैसे तो सोने के गहने रखने की कोई निर्धारित सीमा नहीं है, लेकिन आपको उस सोने के स्त्रोत की पूरी जानकारी देनी होगी। ऐसे में अगर आपने कोई सोने का गहना अपनी बचत से टैक्स देकर ख़रीदा है, तो आपको चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है। इसके अलावा अगर आपके पास विरासत में मिले सोने के गहने हैं, तब भी आपको चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है। इन दोनों परिस्थितियों में आप कितना भी सोना रख सकते हैं।
बिना टैक्स दिए कितना सोना रखने की है अनुमति
बिना टैक्स दिए एक विवाहित महिला अधिकतम 500 ग्राम सोना रख सकती हैं, वहीं एक पुरुष 100 ग्राम तक सोना रख सकता है। जबकि, एक अविवाहित महिला को 250 ग्राम सोना रखने का अधिकार है।
बग़ैर रसीद वाले सोने पर देना होगा टैक्स
सूत्रों के अनुसार, इस एमनेस्टी स्कीम के तहत सोने की कीमत तय करने के लिए वैल्यूएशन सेंटर से सर्टिफ़िकेट लेना होगा। आप बग़ैर रसीद वाले जितने सोने का ख़ुलासा करेंगे, उस पर एक तय मात्रा में आपको टैक्स देना होगा। यह स्कीम एक निश्चित समय सीमा के लिए ही होगी। स्कीम ख़त्म होने के बाद तय मात्रा से ज़्यादा सोना पाए जाने पर आपको भारी जुर्माना देना होगा। इसलिए, सावधान रहें।
मंदिरों और ट्रस्ट में रखे सोने के लिए भी हो सकते हैं ऐलान
केवल यही नहीं, मंदिर और ट्रस्ट के पास पड़े सोने को भी प्रोडक्टिव इन्वेस्टमेंट के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए ख़ास ऐलान हो सकते हैं। इससे पहले मंदिरों या ट्रस्ट में रखे सोने के बारे में कोई नहीं पूछता था।
सोने को प्रोडक्टिव इन्वेस्टमेंट के तौर पर विकसित करने का इरादा रखती है सरकार
एमनेस्टी स्कीम के साथ-साथ सोने को एसेट क्लास के तौर पर बढ़ावा देने के भी ऐलान हो सकते हैं। इसके लिए सोवरन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को आकर्षक बनाने के लिए अहम बदलाव किए जा सकते हैं। इसके अलावा सोवरन गोल्ड बॉन्ड सर्टिफ़िकेट को मोर्गेज करने का भी विकल्प दिया जा सकता है और गोल्ड बोर्ड बनाने का ऐलान किया जा सकता है। सरकार सोने को प्रोडक्टिव इन्वेस्टमेंट के तौर पर विकसित करने का इरादा रखती है।
IIM के प्रोफ़ेसर की सिफ़ारिश के बाद तैयार किया गया प्लान
इसके लिए IIM के प्रोफ़ेसर की सिफ़ारिश के बाद प्लान तैयार किया गया है। वित्त मंत्रालय के इकोनॉमिक अफ़ेयर्स विभाग और राजस्व विभाग ने मिलकर इस योजना का प्लान तैयार किया है। वित्त मंत्रालय ने अपना प्रस्ताव कैबिनेट के पास भेज दिया है। जल्द ही कैबिनेट से इसको मंज़ूरी भी मिल सकती है। अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में ही कैबिनेट में इस पर चर्चा होनी थी, लेकिन महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव की वजह से इसे टाल दिया गया।