मोटर वाहन अधिनियम: गुजरात और उत्तराखंड के बाद दूसरे राज्य भी कम कर सकते हैं जुर्माना
गुजरात ने नए मोटर वाहन अधिनियम के तहत लगने वाले जुर्माने को कम करने का फैसला किया है। गुजरात के कदमों पर चलते हुए उत्तराखंड सरकार ने भी ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर लगने वाला जुर्माना कम किया है। भाजपा शासित इन राज्यों के बाद दूसरे राज्य भी ऐसा कर सकते हैं। कर्नाटक सरकार ने जुर्माना कम करने के लिए केंद्र से अनुमति मांगी है। इनके अलावा छह राज्य ऐसे हैं, जहां अभी तक यह कानून लागू नहीं हुआ है।
गुजरात में ये हैं जुर्माने की नई दरें
नए कानून में बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाने पर 1,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है जिसे घटाकर गुजरात सरकार ने 500 रुपये कर दिया है। बिना सीट बेल्ट पहने चौपहिया वाहन चलाने वाले ड्राइवरों पर 500 रुपये का जुर्माना लगेगा। इसी प्रकार लाइसेंस बिना वाहन चलाने के लिए दंड राशि नये कानून के तहत 5,000 रुपये है, जिसे गुजरात सरकार ने घटाकर दोपहिया वाहनों के लिए 2,000 रुपये और चौपहिया वाहनों के लिए 3,000 रुपये कर दिया है।
केंद्रीय मंत्रालय का इस पर क्या पक्ष है?
केंद्रीय सड़क परिवहन और हाइवे मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राज्य सरकारें अपने अधिकार का इस्तेमाल कर जुर्माना कम कर सकती है लेकिन उन्हें इसके नतीजे भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि नए कानून में भारी जुर्माने का प्रावधान कर सरकार का मकसद पैसा कमाना नहीं बल्कि लोगों की जान बचाना था। राज्य सरकारें जुर्माना कम कर रही हैं तो उन्हें इसके नतीजे भुगतने होंगे क्योंकि जान बचाना केंद्र के साथ राज्यों की भी जिम्मेदारी है।
एक सितंबर से लागू हुआ नया कानून
केंद्र सरकार ने एक सितंबर से नया मोटर वाहन अधिनियम लागू किया है। इसके तहत ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। हालांकि, राज्य सरकारें अपनी मर्जी से कानून लागू करने या न करने पर विचार कर सकती हैं।
इन राज्यों में नहीं लागू हुआ नया कानून
देश के अधिकतर राज्यों में नया कानून लागू हो गया है, लेकिन छह राज्य इसके विरोध में है। मध्यप्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब और छत्तीसगढ़ में यह कानून लागू नहीं हुआ है। इन राज्यों की सरकारों का मानना है कि नए कानून के तहत भारी जुर्माना वसूूला जा रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नए कानून के तहत भारी-भरकम जुर्माने की राशि आम आदमी पर बोझ की तरह है।
दूसरे राज्यों पर बढ़ेगा दबाव
अभी तक दो राज्य जुर्माना कम कर चुके हैं। वहीं छह राज्यों में यह कानून लागू नहीं हुआ है। अगर ये राज्य इसे लागू नहीं करते हैं तो जिन राज्यों में यह कानून लागू हुआ है, उन पर जुर्माना कम करने का दबाव बढ़ जाएगा।
दिल्ली में कानून को लेकर अजीब स्थिति
कई राज्यों में जहां कानून लागू हुआ हैं, वहीं कुछ राज्यों ने इसे अपने यहां लागू नहीं किया है। इन सबसे हटकर दिल्ली में कानून को लेकर अजीब स्थिति है। दिल्ली सरकार ने कानून की अधिसूचना जारी नहीं की है। चूंकि दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन है इसलिए वह नए कानून के तहत चालान काट रही है, लेकिन ऑन द स्पॉट जुर्माना नहीं वसूल रही। नियम तोड़ने वालों को कोर्ट में जाकर जुर्माना जमा करवाना पड़ रहा है।
चर्चा में रहे ड्राइवरों पर लगे जुर्माने
नए अधिनियम के तहत ट्रैफिक नियमों को नहीं मानने वाले ड्राइवरों पर भारी-भरकम जुर्माने लग रहे हैं। हाल ही में नियम तोड़ने पर दिल्ली में एक ट्रक ड्राइवर पर 1.41 लाख रुपये का जुर्माना लगा था। इससे पहले ओडिशा में एक ट्रक ड्राइवर का 86,000 रुपये का चालान कटा था। इसके अलावा गुरुग्राम पुलिस ने एक ट्रैक्टर-ट्रॉली ड्राइवर का 59,000 रुपये और एक स्कूटी चालक का 23,000 रुपये का चालान काटा था।