ममता बनर्जी की पहल पर जल्द हो सकती है विपक्षी मुख्यमंत्रियों की बैठक
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहल पर विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों की बैठक जल्द हो सकती है। रविवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने जानकारी दी कि ममता ने उनके साथ फोन पर बातचीत करते और गैर-भाजपा शासित राज्यों के राज्यपालों द्वारा सत्ता के दुरुपयोग और संवैधानिक मर्यादाओं को लांघने पर अपनी चिंता और पीड़ा साझा की। ममता ने स्टालिन को विपक्षी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने का सुझाव दिया था।
स्टालिन ने ममता को दिया सहयोग का भरोसा
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) प्रमुख एमके स्टालिन ने कहा कि उन्होंने ममता बनर्जी को राज्य की स्वायत्तता बनाए रखने के लिए अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता का भरोसा दिलाया और जल्द ही विपक्षी मुख्यमंत्रियों की बैठक होगी। इससे पहले स्टालिन ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के उस फैसले की आलोचना की थी, जिसमें उन्होंने तत्काल प्रभाव से राज्य के विधानसभा के सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया था। स्टालिन ने इसे 'औचित्यहीन' करार दिया था।
ममता और ठाकरे से मिलेंगे केसीआर
रविवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा था कि वो जल्द ही उद्धव ठाकरे और ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ठाकरे से मिलने के राव मुंबई जा सकते हैं, जबकि ममता बनर्जी उनसे मिलने के लिए हैदराबाद जाएंगी। हालांकि, चंद्रशेखर राव ने भाजपा के खिलाफ विपक्षी पार्टियों की मोर्चेबंदी को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं किया, लेकिन उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसा कोई मोर्चा बनता है तो वो भूमिका निभाने के तैयार हैं।
भाजपा के खिलाफ क्षेत्रीय मोर्चा तैयार कर रही हैं ममता
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ मोर्चा तैयार कर रही हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उन्होंने समाजवादी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार किया था और अखिलेश यादव के साथ मंच भी साझा किया था। इससे पहले उन्होंने ऐलान किया था कि उनकी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में अपने उम्मीदवार उतारेंगी। उन्होंने सभी क्षेत्रीय पार्टियों से भाजपा को हराने के लिए साथ आने का आह्वान भी किया था।
राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका निभाना चाहती हैं ममता
पिछले साल बंगाल चुनाव में भाजपा को बुरी तरह हराने के बाद ममता की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाएं बढ़ गई हैं और वह राष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहती हैं। उनकी योजना एक गैर-कांग्रेस गठबंधन खड़ा करने की है और इसके लिए वह विभिन्न पार्टियों से संपर्क भी कर रही हैं। इसमें उन्हें ऐसी पार्टियों के साथ सफलता भी मिल रही है जो खुद कांग्रेस के नजदीक नहीं जाना चाहतीं। इनमें उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी भी शामिल है।