अधीर रंजन चौधरी को हटाकर लोकसभा में नया नेता चुन सकती है कांग्रेस
क्या है खबर?
कांग्रेस लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी को हटाकर किसी और को पार्टी का नेता बना सकती है।
इस कदम को आगामी दिनों में कांग्रेस में होने वाले कई बदलावों की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है।
लोकसभा में कांग्रेस ने अपना नेता बदलने का फैसला मानसून सत्र से लगभग दो सप्ताह पहले लिया है।
पार्टी में बदलाव के साथ-साथ इस फैसले को तृणमूल कांग्रेस के साथ तालमेल बढ़ाने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है।
कांग्रेस में बदलाव
बंगाल चुनावों में पार्टी का चेहरा थे चौधरी
फिलहाल बहरामपुर से सांसद अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस के नेता हैं।
वो पश्चिम बंगाल प्रदेश इकाई के प्रमुख होने के साथ-साथ राज्य में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी का चेहरा भी थे।
पिछले साल जब कांग्रेस के कुछ असंतुष्ट नेताओं ने पत्र लिखकर पार्टी में बदलाव की मांग उठाई थी तो चौधरी ने उनकी आलोचना करते हुए गांधी परिवार में विश्वास व्यक्त किया था।
चौधरी संसद की लोक लेखा समिति के प्रमुख भी हैं।
रणनीति
तृणमूल कांग्रेस से भी तालमेल बढ़ाने की कोशिश
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, कांग्रेस का चौधरी को हटाने का फैसला विपक्षी एकता के लिए ममता बनर्जी की पार्टी के साथ तालमेल बढ़ाने की कोशिश से जोड़कर देखा जा रहा है।
भले ही विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने वामदलों के साथ मिलकर तृणमूल के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने चुनावों के दौरान ममता बनर्जी पर कोई हमला नहीं बोला था। दूसरी तरफ अधीर रंजन चौधरी जमकर ममता बनर्जी पर निशाना साधते थे।
विपक्षी एकता
कई मौकों पर तृणमूल के साथ रही है कांग्रेस
चुनावों के बाद भाजपा के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस ने कई मौकों पर ममता का साथ दिया है।
चौधरी को हटाकर कांग्रेस लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर मोदी सरकार को घेरने की योजना बना रही है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि तृणमूल कांग्रेस भी राज्यपाल जगदीप धनखड़ को हटाने के लिए संसद में बड़ी लड़ाई लड़ने के मूड में है। इसलिए उसे भी विपक्षी पार्टियों के साथ की जरूरत है।
जानकारी
राज्यपाल को वापस बुलाने की मांग कर रही है तृणमूल कांग्रेस
सूत्रों ने बताया कि ममता बनर्जी की पार्टी राष्ट्रपति से राज्यपाल को वापस बुलाने की मांग करेगी और इसके लिए वह कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दलों से मदद मांग सकती है। तृणमूल का आरोप है कि राज्यपाल निष्पक्षता से काम नहीं कर रहे हैं।
कयास
कौन हो सकता है लोकसभा में कांग्रेस का नया नेता?
कांग्रेस शशि थरुर या मनीष तिवारी को लोकसभा में पार्टी की कमान सौंप सकती है।
ये दोनों सांसद उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने पार्टी में बदलावों की जरूरत बताने वाले पत्र पर हस्ताक्षर किए थे।
अगर इनमें से किसी को लोकसभा में नेता बनाया जाता है तो इसे राहुल गांधी की दोबारा कांग्रेस प्रमुख के पद पर संभावित वापसी से पहले पार्टी की तरफ से असंतुष्टों को मनाने की कोशिश के तौर पर देखा जाएगा।