वैक्सीन की दो खुराक कोरोना से होने वाली 95 प्रतिशत मौतें टालने में सफल- ICMR अध्ययन
क्या है खबर?
कोरोना वायरस वैक्सीन की दो खुराकों ने भारत में दूसरी लहर के दौरान 95 प्रतिशत मौतों को टाल दिया, जबकि एक खुराक के कारण 85 प्रतिशत मौतें रोकने में कामयाबी मिली।
केंद्र सरकार ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अध्ययन के आधार पर यह बात कही है।
ICMR ने जोखिम का अधिक सामना करने वाले तमिलनाडु के एक लाख से अधिक पुलिसकर्मियों पर यह अध्ययन किया था।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
जानकारी
वैक्सीन की प्रभावकारिता जानने के लिए किया गया था अध्ययन
ICMR ने कोरोना से होने वाली मौतों को रोकने में वैक्सीन की प्रभावकारिता का पता लगाने के लिए अध्ययन किया था।
अध्ययन में 1,17,524 पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया था, जिनमें से 17,059 को वैक्सीन नहीं लगी थी। वहीं 32,792 ऐसे थे, जिन्हें वैक्सीन की एक और 67,673 पुलिसकर्मियों को वैक्सीन की दोनों खुराक लग चुकी थी।
नीति आयोग के सदस्य और देश की कोरोना टास्क प्रमुख डॉ वीके पॉल ने शुक्रवार को इस अध्ययन के नतीजे साझा किए।
कोरोना वैक्सीन
क्या रहे अध्ययन के नतीजे?
अध्ययन में सामने आया कि वैक्सीन की दोनों खुराकें लगवा चुके पुलिसकर्मियों की कोरोना के कारण मौत होने की दर 4 प्रतिशत और एक खुराक लगवाने वालों में 7 प्रतिशत थी। वहीं जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई, उनमें यह दर 20 प्रतिशत थी।
साथ ही नतीजों से यह भी पता चला कि एक खुराक लगवाने वाले पुलिसकर्मियों में वैक्सीन ने 82 प्रतिशत और दोनों खुराक लगवाने वालों में 95 प्रतिशत प्रभावकारिता दिखाई है।
बयान
गंभीर संक्रमण से बचाती है वैक्सीन- डॉ पॉल
अध्ययन के नतीजों पर नजर डालें तो पता चलता है कि वैक्सीन न लेने वाले प्रति 1,000 लोगों में मौत का आंकड़ा 1.17 प्रतिशत, एक खुराक लेने वालों में 0.21 प्रतिशत और दोनों खुराक लेने वालों में 0.06 प्रतिशत था।
नतीजों के बारे में बताते हुए डॉ पॉल ने कहा कि वैक्सीन गंभीर संक्रमण से बचने में मदद करती है। साथ ही ये प्रभावी और सुरक्षित है। गर्भवती और बच्चों को स्तनपान करवाने वाली महिलाएं वैक्सीन लगवा सकती हैं।
अध्ययन
डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी पाई गई वैक्सीन
यह अध्ययन इसलिए भी और महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह कोरोना की दूसरी लहर के दौरान किया गया था, जिसके पीछे कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट का हाथ था।
इससे यह पता चलता है कि वैक्सीन इस बेहद संक्रामक और खतरनाक वेरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी है।
सबसे पहले भारत में मिला डेल्टा अब तक का सबसे संक्रामक और खतरनाक वेरिएंट माना जा रहा है और यह 110 से अधिक देशों में फैल चुका है।
कोरोना संकट
अगले कुछ दिन भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण
भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर अभी थमी भी नहीं है कि अब तीसरी लहर की चिंता सताने लगी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में पूरी दुनिया के लिए महामारी की तीसरी लहर आने की चेतावनी जारी की है।
इसका अर्थ है कि पूरी दुनिया तीसरी लहर की ओर बढ़ रही है। ऐसे स्थिति में अगले 100-125 दिन भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहने वाले हैं।