बंगाल: विधानसभा चुनाव की उम्मीदवारी पर विवाद के बाद स्वपन दासगुप्ता ने दिया राज्यसभा से इस्तीफा
क्या है खबर?
राज्यसभा के मनोनीत सांसद स्वपन दासगुप्ता ने भाजपा की टिकट पर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने इस अनुरोध के साथ अपना इस्तीफा भेज दिया है कि इसे बुधवार यानि कल तक स्वीकार कर लिया जाए।
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधानसभा चुनाव के लिए उनकी उम्मीदवारी पर सवाल उठाने और संसद की उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग के बाद उन्होंने ये इस्तीफा दिया है।
बयान
नामांकन तक निपटा दी जाएंगी सभी लंबित समस्याएं- दासगुप्ता
अपने इस्तीफे के बारे में NDTV से बात करते हुए दासगुप्ता ने कहा, "राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाने के कारण मुझे राज्यसभा में विशेष दर्जा मिला हुआ है। मैं इन (बंगाल) चुनावों में तारकेश्वर से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा रहा हूं। जाहिर है कि इन दोनों चीजों के बीच बहुत सी लंबित समस्याएं हैं। नामांकन दाखिल करने तक ये सभी समस्याएं निपटा दी जाएंगी।"
उन्होंने गुरूवार या शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल करने की बात कही।
बयान
दासगुप्ता ने TMC सांसद के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देने से किया इनकार
दासगुप्ता ने TMC सांसद महुआ मोइत्रा के उस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया जिसमें उन्होंने मनोनीत सांसद होने के कारण भाजपा से दासगुप्ता की उम्मीदवारी पर सवाल उठाए थे।
उन्होंने कहा, "मैं किसी भी बात पर प्रतिक्रिया नहीं दे रहा हूं। मैं बस यह कह रहा हूं कि कई सारी चीजें हैं, जिन्हें सुलझाना होगा। संसद सहित कई संस्थाओं से क्लियरेंस लेनी होगी। यह सब मेरे नामांकन से पहले पूरा कर लिया जाएगा।"
सवाल
महुआ मोइत्रा ने की थी दासगुप्ता की सदस्यता रद्द करने की मांग
TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने सोमवार को ट्वीट करते हुए कहा था, "स्वपन दासगुप्ता पश्चिम बंगाल चुनावों में भाजपा के उम्मीदवार हैं। संविधान की 10वीं अनुसूची में कहा गया है कि अगर राज्यसभा का कोई मनोनीत सांसद शपथ लेने के छह महीने के बाद किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल होता है तो उसे अयोग्य घोषत कर दिया जाएगा। उन्हें अप्रैल. 2016 में शपथ दिलाई गई थी। भाजपा में शामिल होने के लिए अब उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।"
नियम
क्या कहते हैं संविधान के नियम?
संविधान की 10वीं अनुसूची की धारा 102 (2) और 191 (2) के अयोग्यता के नियम 3 में कहा गया है कि यदि कोई मनोनीत सदस्य शपथ लेने के छह महीने बाद किसी राजनीतिक दल में शामिल होता है तो वह अयोग्य घोषित किया जाएगा।
बता दें कि जाने-माने कॉलमनिस्ट दासगुप्ता को अप्रैल, 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था और उनका कार्यकाल अप्रैल, 2022 में समाप्त होना था।
चुनावी कार्यक्रम
बंगाल में 27 मार्च से शुरू होंगे विधानसभा चुनाव
राजनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण पश्चिम बंगाल की 294 सीटों पर 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। नतीजे 2 मई को आएंगे।
इन चुनाव में मुख्य टक्कर सत्तारूढ़ TMC और भाजपा के बीच मानी जा रही है। अभी तक बंगाल में छोटी पार्टी रही भाजपा इस बार TMC के किले में सेंध लगाने की तैयारी के साथ उतरी है और अमित शाह ने पार्टी को 200 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है।