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    बंगाल: पीरजादा की पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस में रार, आमने-सामने आए वरिष्ठ नेता
    राजनीति

    बंगाल: पीरजादा की पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस में रार, आमने-सामने आए वरिष्ठ नेता

    लेखन मुकुल तोमर
    March 02, 2021 | 03:59 pm 1 मिनट में पढ़ें
    बंगाल: पीरजादा की पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस में रार, आमने-सामने आए वरिष्ठ नेता

    पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस में रार हो गई है और पार्टी के दो वरिष्ठ नेता एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद आनंद शर्मा ने ISF के साथ गठबंधन को कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के खिलाफ बताया है, जिस पर लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने उन पर "भाजपा के बोल बोलने" का आरोप लगा दिया है।

    क्या है पूरा मामला?

    दरअसल, कांग्रेस वामपंथी पार्टियों के साथ गठबंधन में बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है और इस गठंबधन में फुरफुरा शरीफ दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी ISF भी शामिल है। राज्य की लगभग 100 विधानसभा सीटों पर इस दरगाह का अच्छा-खासा असर है और इसी कारण ISF को गठबंधन में शामिल किया गया है। हालांकि सिद्दीकी अपने कई कट्टर बयानों के लिए चर्चा में रह चुके हैं और इसलिए उनके साथ गठबंधन के लिए कांग्रेस सवालों में है।

    आनंद शर्मा ने कहा- गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है गठबंधन

    ISF के साथ गठबंधन पर सवाल उठाने वाले चेहरों में वरिष्ठ कांगेस नेता आनंद शर्मा का नाम भी शामिल है। सोमवार को ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा था, 'ISF और ऐसे अन्य दलों से साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है जो कांग्रेस पार्टी की आत्मा है। इन मुद्दों पर कांग्रेस कार्य समिति पर चर्चा होनी चाहिए थी। सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है।'

    शर्मा ने अधीर रंजन पर भी उठाए थे सवाल

    आनंद शर्मा ने मामले में अधीर रंजन चौधरी पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि इस गठबंधन को पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का समर्थन शर्मनाक है और उन्हें मामले में अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।

    अधीर रंजन का पलटवार, कहा- भाजपा की मदद कर रहा आपका बयान

    अब अधीर रंजन चौधरी ने भी ट्वीट करते हुए आनंद शर्मा पर पलटवार किया है। अपने ट्वीट्स में उन्होंने कहा कि गठबंधन में कांग्रेस को अपने हिस्सी की पूरी सीटें मिली हैं और वामपंथी पार्टियों ने अपने हिस्से से ISF को सीटें दी हैं। शर्मा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "CPM के नेतृत्व वाले गठबंधन को सांप्रदायिक कहने का आपका फैसला केवल भाजपा के ध्रुवीकरण के एजेंडे की मदद कर रहा है।"

    प्रधानमंत्री की तारीफ में समय बर्बाद करना बंद करें असंतुष्ट नेता- अधीर रंजन

    अपने ट्वीट्स में अधीर रंजन ने आगे कहा कि जो नेता भाजपा की नफरत भरी सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं, उन्हें भाजपा के एजेंडे से मेल खाने वाली टिप्पणियां करने की बजाय कांग्रेस का समर्थन करना चाहिए और पांच राज्यों में पार्टी का प्रचार करना चाहिए। उन्होंने असंतुष्ट नेताओं के समूह को निजी सुविधा से ऊपर उठने और प्रधानमंत्री की प्रशंसा में समय बर्बाद करना बंद करने की नसीहत भी दी।

    बंगाल में अस्तित्व के लिए लड़ रही कांग्रेस के लिए आंतरिक कलह अच्छी नहीं

    बता दें कि पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन चुनावों में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भाजपा के बीच माना जा रहा है और कांग्रेस और वामपर्थी पार्टियां अपना अस्तित्व बचाने के लिए लड़ रही हैं। इन परिस्थितियों में कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं के बीच यह टकराव पार्टी के लिए अच्छी खबर नहीं है।

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