कृषि विधेयकों पर आज राज्यसभा में वोटिंग, जानें क्या कहते हैं आंकड़े
कई राज्यों के किसानों के विरोध का केंद्र बने तीन कृषि विधेयकों पर आज राज्यसभा में वोटिंग हो सकती है। जहां कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष इन विधेयकों को पारित होने से रोकने की पूरी कोशिश करेगा, वहीं सत्तारूढ़ भाजपा इसे हर हाल में पारित करना चाहती है। अभी इस लड़ाई में भाजपा का पलड़ा थोड़ा भारी नजर आ रहा है। आइए आपको आंकड़ों के जरिए इन विधयेकों पर राज्यसभा की पूरी स्थिति समझाते हैं।
सबसे पहले जानें क्यों हो रहा कृषि विधेयकों का विरोध
कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए मोदी सरकार कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक और मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता विधेयक लेकर आई है। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन बिलों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिए सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है और इनसे किसान पूंजीपतियों के हाथ में चले जाएंगे।
क्या है राज्यसभा का गणित?
245 सदस्यीय राज्यसभा का मौजूदा संख्याबल 243 है और बहुमत का आंकड़ा 122 है। भाजपा के राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पास 105 सांसद हैं, वहीं विपक्ष के पास लगभग 100 सांसद हैं। इसका मतलब दोनों पक्षों को विधेयकों पर फैसला अपने पक्ष में करने के लिए अन्य पार्टियों के समर्थन की जरूरत होगी और यहीं पर भाजपा की स्थिति बेहतर नजर आती है क्योंकि ये बाहरी पार्टियां पहले भी उसे समर्थन देती रही हैं।
NDA सदस्यों में अकाली दल बिल के विरोध में
भाजपा के खेमे की बात करें तो अकेले भाजपा के राज्यसभा में 86 सांसद हैं, वहीं NDA सहयोगियों के साथ मिलकर उसका संख्याबल 105 हो जाता है। हालांकि वह शिरोमणि अकाली दल के तीन सांसदों पर निर्भर नहीं रह सकती क्योंकि अकाली दल विधेयकों के विरोध में उतर आई है और उसने अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी करते हुए विधेयकों के खिलाफ वोट डालने का आदेश दिया है।
बाहरी पार्टियों के 32 सांसद भी कर सकते हैं विधेयकों के समर्थन में वोटिंग
बाहरी पार्टियों में 32 सांसद उन पार्टियों के हैं जो पहले भाजपा को समर्थन देती रही हैं। इनमें बीजू जनता दल (BJD) के नौ, तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के सात और YSR कांग्रेस के छह सांसद भी शामिल हैं। TRS ने लोकसभा में विधेयकों को लेकर चिंता जाहिर की थी, लेकिन संभावना है कि भाजपा के मनाने पर वह अपना समर्थन दे सकती है। हालांकि भाजपा को TRS के समर्थन के बिना भी विधयेक पारित होने की उम्मीद है।
विपक्षी खेमे का कुछ ऐसा हाल
वहीं अगर विपक्षी खेमे की बात करें तो कांग्रेस के खुद के 40 वोट हैं, वहीं तृणमूल कांग्रेस (TMC) के 13 और DMK के सात सांसद भी इन विधेयकों के खिलाफ वोट डालेंगे। इसके अलावा विपक्षी खेमा बहुजन समाज पार्टी के चार, समाजवादी पार्टी के आठ और आम आदमी पार्टी (AAP) के तीन सांसदों पर भी विरोध में वोटिंग करने का भरोसा रख सकता है। हालांकि महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ सत्ता पर काबिज शिवसेना विधेयकों का समर्थन करेगी।
कांग्रेस ने YSR कांग्रेस, BJD और TRS से भी साधा संपर्क
रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस ने YSR कांग्रेस, BJD और TRS को अपनी तरफ करने के लिए उनके भी संपर्क साधा है, हालांकि उनकी प्रतिक्रिया उत्साहित करने वाली नहीं है। इन पार्टियों के समर्थन के बिना विपक्ष के लिए विधेयकों को रोक पाना बेहद मुश्किल होगा।