गोपालगंज जहरीली शराब कांड: कोर्ट ने नौ दोषियों को सुनाई मौत की सजा, चार को उम्रकैद
क्या है खबर?
बिहार के गोपालगंज के चर्चित खजूरबानी जहरीली शराब कांड में विशेष आबकारी और अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय न्यायालय ने शुक्रवार को अहम फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने मामले में 13 में से नौ दोषियों की फांसी तथा चार महिला दोषियों को उम्रकैद सजा सुनाई है।
इसके अलावा कोर्ट ने चारों दोषी महिलाओं पर 10-10 लाख रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। फैसले के बाद दोषियों के परिजन कोर्ट में बिलखने लग गए।
प्रकरण
शराबबंदी के बाद जलरीली शराब बेचने से हुई थी 21 लोगों की मौत
बिहार सरकार ने 5 अप्रैल, 2016 को शराबबंदी लागू की थी। इसके बाद भी राज्य में अवैध रूप से शराब बनाने और बेचने का धंधा बंद नहीं हुआ।
यही कारण रहा 15 और 16 अगस्त, 2016 को नगर थाना क्षेत्र के खजूरबानी मोहल्ले में जहरीली शराब पीने से 21 लोगों की मौत हो गई थी।
इसके अलावा चार लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी। जांच में पुलिस ने मोहल्ले से भारी मात्रा में जहरीली शराब बरामद की थी।
बर्बाद
जहरीली शराब से बर्बाद हो गए थे कई परिवार
खजूरबानी की इस घटना से कई परिवार बर्बाद हो गए। जिन परिवारों ने अपनों को खोया उनके लिए आगे का जीवन काफी कठिन हो गया।
सरकार ने उस दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा दिया था। कुछ परिवारों ने यह राशि बैंक में फिक्स कर दी, जिससे मिलने वाले मामूली ब्याज से उनका घर चलता है।
हालांकि, ब्याज की इस मामलू राशि से आज के दौर में बुनियादी जरूरतें भी पूरा करना मुश्किल है।
जानकारी
सरकार ने पूरे थाने को कर दिया था बर्खास्त
सरकार ने सख्ती दिखाते हुए नगर थाने के सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। उसके बाद जांच में दोषी मिलने पर सरकार ने सभी को सेवा से बर्खास्त कर दिया था। हालांकि, हाई कोर्ट ने 4 फरवरी, 2021 को आदेश को रद्द कर दिया।
कार्रवाई
मामले में पुसिल ने 14 लोगों को बनाया था आरोपी
इस घटना की जांच को लेकर पुलिस ने कुल 14 लोगों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। एक अभियुक्त ग्रहण पासी की मौत हो जाने के कारण 13 अभियुक्तों के विरुद्ध ट्रायल चल रहा था।
मामले में पांच साल से अधिक समय तक कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गई।
26 फरवरी को कोर्ट ने 13 अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए सजा के लिए 5 मार्च का दिन मुकर्रर किया था।
सजा
इन दोषियों को मिली है मौत की सजा
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश लवकुश कुमार ने मामले में फैसला सुनाते हुए दोषी ठहराए गए छठू पासी, कन्हैया पासी, नगीना पासी, लालबाबू पासी, राजेश कुमार, सनोज कुमार, संजय चौधरी, रंजीत चौधरी एवं मुन्ना चौधरी को मौत की सजा सुनाई है।
इसी तरह चार महिला दोषी लालझरी देवी, कैलाशो देवी, इंदु देवी एवं रीता देवी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा चारों पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
जानकारी
पहली बार सुनाई गई मौत की सजा
बिहार में शराबबंदी के बाद यह पहला मामला है जिसमें शराब बरामदगी के मामले में नौ लोगों को फांसी की सजा और चार महिलाओं को उम्रकैद की सजा मिली है। हालांकि, मामले का मास्टरमाणंड रुपेश शुक्ला अभी फरार है। उसे भगौड़ा घोषित कर रखा है।
मौत
मामले में इन लोगों की हुई थी मौत
जहरीली शराब की इस घटना में रहमान मियां, हरिकिशोर साह, जहरूदीन मियां, मुन्ना साह, राजेश राम, मुन्ना मियां, परमा महतो, मंटू गिरि, दीनानाथ मांझी, शोबराती मियां, रामजी शर्मा, दुर्गेश साह, शशिकांत, उमेश चौहान, झमिंद्र कुमार, विनोद सिह, अनिल राम, रामू राम, मनोज साह, भुटेली शर्मा सहित 21 लोगों की मौत हो गयी थी।
इसी तरह बंधू राम सहित चार लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी। इस मामले में पूरे देश में चर्चा हुई थी।
हालात
वर्तमान में यह है बिहार में शराब के हालात
बिहार में भले ही शराबबंदी है, लेकिन चोरी-छिपे शराब बनाने व बेचने का अवैध कारोबार जारी है। कई बार देशी शराब में मिलावट के कारण यह विषाक्त हो जाती है।
20 फरवरी को ही मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड में जहरीली शराब पीने के कारण पांच लोगों की मौत हो गई थी।
गोपालगंज में भी जहरीली शराब के कारण दो लोगों की मौत हो गई थी। ऐसे में अब इस सजा से आरोपियों में भय पैदा हो सकता है।