
बिहार की राजनीति: सत्ता की चाहत में नीतीश कुमार ने कब-कब बदला है पाला?
क्या है खबर?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) और उसकी सहयोगी भाजपा के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि JDU ने भाजपा से गठबंधन तोड़ने का मन बना लिया है।
ऐसे में नीतीश कुमार के मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस और लेफ्ट फ्रंट के साथ मिलकर नई सरकार बनाने की खबरें सामने आई है।
आइये जानते हैं कि सत्ता की चाहत में नीतीश कब-कब पाला बदल चुके हैं।
#1
साल 1994 में छोड़ दिया था लालू प्रसाद यादव का साथ
नीतीश कुमार के पाला बदलने की शुरुआत साल 1994 से हुई थी। उस समय उन्होंने पुराने सहयोगी लालू प्रसाद यादव की जनता दल का साथ छोड़कर जनता को हैरान कर दिया था।
इसके बाद उन्होंने जॉर्ज फर्नांडिस के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया और 1995 के बिहार विधानसभा चुनावों में लालू के विरोध बनकर मैदार में आ गए।
हालांकि, चुनाव में उन्हें करारी शिकस्त झेलनी पड़ी और फिर वह फिर से नए सहारे की तलाश में जुट गए।
#2
नीतीश ने 1996 में मिलाया था भाजपा से हाथ
नीतीश ने साल 1996 में बिहार में कमजोर मानी जाने वाली भाजपा से हाथ मिलाया था। उसके बाद भाजपा और समता पार्टी का यह गठबंधन अगले 17 सालों तक चला।
इसी बीच 30 अक्टूबर, 2003 को समता पार्टी टूटकर जनता दल यूनाइटेड (JDU) बन गई। JDU ने भाजपा का दामन थामे रखा और साल 2005 के विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की।
इसके बाद साल 2013 तक दोनों दलों ने साथ में मिलकर सरकार चलाई।
#3
नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने पर छोड़ा भाजपा का साथ
साल 2013 में भाजपा के लोकसभा चुनाव 2014 के लिए नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना नीतीश को रास नहीं आया। इससे नाराज होकर उन्होंने भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया।
इस दौरान नीतीश ने RJD के सहयोग से सरकार बनाई और मुख्यमंत्री बन गए, लेकिन लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और दलित नेता जीतन राम मांझी को राज्य की सत्ता सौंप दी।
#4
2015 में महागठबंधन बनाकर बनाई सरकार
नीतीश कुमार ने साल 2015 में पुराने सहयोगी लालू यादव और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर विधानसभा चुनाव लड़ा और शानदार जीत दर्ज की।
हालांकि, चुनाव में RJD ने JDU से अधिक सीटें हासिल की थी, लेकिन उसके बाद भी नीतीश के सिर मुख्यमंत्री का ताज बंधा था।
उस दौरान लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री और बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था।
#5
2017 में महागठबंधन छोड़कर भाजपा के साथ बनाई सरकार
महागठंधन की सरकार शुरुआत में तो ठीक चली, लेकिन 2017 में RJD और JDU के बीच मनमुटाव शुरू हो गया।
26 जुलाई को तनाव के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद नीतीश ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा ने मध्यावधि चुनाव से इंकार करते हुए JDU को समर्थन देने का निर्णय किया।
ऐसे में 27 जुलाई को नीतीश ने फिर से सरकार बनाते हुए मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली।
तनाव
नीतीश का अब भाजपा से हुआ मनमुटाव
विधानसभा चुनाव 2020 में कम सीटों के बाद भी भाजपा ने नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन दो साल बाद ही उनका भाजपा से मनमुटाव फिर से बढ़ गया है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार गठन के 21 महीने के बाद नीतीश फिर से पाला बदल सकते हैं और अपने पुराने साथी लालू यादव की RJD और कांग्रेस के साथ सरकार बना सकते हैं।
इसके लिए तीनों दलों ने मंगलवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है।
पृष्ठभूमि
भाजपा से क्यों नाराज हुए नीतीश कुमार?
भाजपा से नीतीश कुमार की नाराजगी के कई कारण हैं। उनके करीबी सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेता नीतीश पर लगातार हमला कर रहे हैं, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व चुप है, इससे नीतीश बेहद नाराज हैं। आरसीपी सिंह का मुद्दा नीतीश की नाराजगी का दूसरा कारण है।
सिंह एक समय उनके उत्तराधिकारी थे, लेकिन भाजपा से नजदीकी ने उन्हें नीतीश से दूर कर दिया। JDU ने भाजपा पर सिंह के जरिए पार्टी को तोड़ने का आरोप भी लगाया है।