बिहार विधानसभा में आखिर क्यों मचा था बवाल?
बिहार विधानसभा में मंगलवार को पक्ष और विपक्ष के हाई वोल्टेड ड्रामा के बीच 'विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक' पास कर दिया गया। इस विधेयक को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। यहां तक की विपक्ष और सुरक्षाकर्मियों के बीच जमकर हाथापाई हुई और इसमें राष्ट्रीय जनता दल (RJD) विधायक सतीश कुमार घायल हो गए। उन्हें स्ट्रेचर पर अस्पताल पहुंचाया गया। इस घटना के देशभर में चर्चा हो रही है। यहां जानते हैं आखिर यह सब क्यों और कैसे हुआ।
पहले जानते हैं कि आखिर क्या है 'विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक'
बता दें कि बिहार में अब भी बिहार मिलिट्री पुलिस (BMP) के नाम से सुरक्षा बल है। अन्य किसी भी राज्य की पुलिस में मिलिट्री शब्द का इस्तेमाल नहीं होता है। ऐसे में इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य पुलिस से मिलिट्री शब्द को हटाना था। इसी तरह सरकार ने विशेष सशस्त्र पुलिस को सरकारी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय किया था। इनमें हवाई अड्डा, मेट्रो और ऐतिहासिक धरोहर शामिल है। इससे सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होती।
BMP को तलाशी और गिरफ्तारी का अधिकारी देना भी है विधेयक का उद्देश्य
बिहार में BMP को अभी किसी की तलाशी लेने या गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं था। सरकार इस विधेयक के जरिए BMP को बिना किसी वारंट के तलाशी और गिरफ्तारी का अधिकार देना चाहती है। हालांकि, BMP के अधिकार उन्हीं जगहों पर दिया जाएगा, जहां उन्हें सुरक्षा में लगाया जाएगा। यह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की तरह ही काम करेगा। इसके बाद भी विपक्ष ने इस विधेयक पर कड़ा ऐतराज जताया था।
विपक्ष द्वारा विधेयक का विरोध करने के पीछे यह था कारण
विपक्ष का कहना था कि इस विधेयक के जरिए पुलिस अब बिना वारंट किसी भी घर में घुसकर तलाशी ले सकती है और गिरफ्तार कर सकती है। ऐसे में इस विधेयक के जरिए द्वेषतापूर्वक कार्रवाई भी की जा सकती है। हालांकि, विपक्ष के इस संदेह के लिए सकरार भी जिम्मेदार रही है। सरकारी ने इस विधयेक के बारे में पहले से कुछ जानकारी नहीं दी । ऐसे में जानकारी के अभाव में विपक्ष इसे पूरी तरह नहीं समझ पाया।
विधेयक को पेश करते ही शुरू हुआ हंगामा
सरकार की ओर से विधानसभा में विधेयक को पेश करते ही RJD, कांग्रेस और वाम दल के महागठबंधन के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान विधायक विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंच गए और विधेयक के पन्नों को छीनने लगे। इसके बाद उन्होंने अध्यक्ष को उनके कमरे में बंधक बना लिया। मजबूरन बाहर से पुलिस को बुलाना पड़ा। पुलिस ने विधायकों की लात घूंसों से जमकर पिटाई की। इसमें विधायक सतीश कुमार घायल हो गए।
यहां देखें घायल विधायक को स्ट्रेचर ले जाने का वीडियो
पुलिस ने विरोधी करने वाले विधायकों को बाहर निकाला
पुलिस ने विरोध करने वाले विधायकों को विधानसभा से बाहर निकाला। एक महिला विधायक ने स्पीकर को कुर्सी पर बैठने से रोका तो पुलिस ने उन्हें बाहर निकालने का प्रयास किया। इस पर महिला विधायक लेट जाती है तो उन्हें घसीटकर बाहर निकाला जाता है।
यहां देखें महिला विधायक को घसीटकर बाहर निकालने का वीडियो
RJD समर्थकों ने विधानसभा के बाहर किया पुलिस पर पथराव
इस विधेयक के खिलाफ RJD ने विधानसभा घेराव कार्यक्रम का आयोजन किया था। पुलिस ने उन्हें डाक बंगाला चौरोह पर रोक लिया। इससे पुलिस और समर्थकों में हिंसक झड़प हो गई। स्थिति पर नियंत्रण के लिए पुलिस को वाटर कैनन की मदद लेनी पड़ी। इसके बाद RJD समर्थकों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। जवाब में पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया। इसमें कई पुलिसकर्मी और RJD समर्थक घायल हो गए। पुलिस ने कई नेताओं को हिरासत में ले लिया।
पुलिस ने तेजस्वी और तेजप्रताप सहित कई नेताओं के खिलाफ दर्ज की FIR
मामले में पुलिस ने RJD प्रमुख तेजस्वी यादव, उनके भाई तेजप्रताप यादव और कई अन्य नेताओं के खिलाफ पुलिस पर पथराव करने और राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज किया है। इसी तरह पुलिस CCTV रिकॉर्डिंग के आधार पर अन्य की पहचान कर रही है।
पुलिस को गुंडा बना रही नीतीश सरकार- तेजस्वी
तेजस्वी ने कहा, "पुलिस के पास बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार पहले से है। विधानसभा में विधायकों की पिटाई हो रही है तो अब आम लोगों को घर में घुसकर पीटेंगे। सरकार बहस नहीं होने देना चाहती और पुलिस को सशक्त नहीं बल्कि गुंडा बना रही हैं।" उन्होंने आगे कहा, "RJD विधायक को लोकतंत्र के मंदिर में नरभक्षी शासकों के गुंडों ने इतना पीटा कि उन्हें स्ट्रेचर पर लेटाकर एंबुलेंस से अस्पताल ले जाना पड़ा।
RSS मय हुए नीतीश कुमार- राहुल गांधी
मामले में बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर घटना की निंदा की है। उन्होंने लिखा, 'बिहार विधानसभा की शर्मनाक घटना से साफ़ है कि मुख्यमंत्री पूरी तरह RSS/BJP-मय हो चुके हैं। लोकतंत्र का चीरहरण करने वालों को सरकार कहलाने का कोई अधिकार नहीं है। विपक्ष फिर भी जनहित में आवाज़ उठाता रहेगा- हम नहीं डरते!' इसी तरह समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने विधायकों से मारपीट की घटना को आपराधिक कृत्य बताया है।