
MCD चुनाव नतीजे: AAP ने किया बहुमत का आंकड़ा पार
क्या है खबर?
दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। अभी तक पार्टी 126 सीटें जीत चुकी हैं और पहली बार MCD की सत्ता पर काबिज होती हुई नजर आ रही है।
भाजपा के खाते में 97 सीटें आई हैं, वहीं कांग्रेस को सात वार्ड में जीत मिली है। तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार विजेता बने हैं।
यह पहली बार होगा, जब AAP दिल्ली नगर निगम की सत्ता चलाएगी।
एग्जिट पोल्स
एग्जिट पोल्स में लगाया गया था AAP की सरकार बनने का अनुमान
बता दें कि एग्जिट पोल्स में MCD में पूर्ण बहुमत के साथ AAP की सरकार बनने का अनुमान लगाया गया था।
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के पोल में 250 सीटों में से AAP को 149-171 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था, वहीं भाजपा को 69-91 सीटें और कांग्रेस को तीन-सात सीटें मिलने का अनुमान था।
न्यूज एक्स-जन की बात के पोल में AAP को 159-175, भाजपा को 70-92 और कांग्रेस को चार-सात सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था।
रिकॉर्ड
क्या पहली बार MCD में सरकार बना पाएगी AAP?
अगर AAP इस चुनाव को जीतने में कामयाब रहती है तो यह पहली बार होगा जब MCD में उसकी सरकार बनेगी। इस जीत के साथ ही दिल्ली राज्य और MCD दोनों पर उसका कब्जा हो जाएगा।
वहीं अगर भाजपा चुनाव जीतती है तो यह MCD चुनाव में उसकी लगातार चौथी जीत होगी। इससे पहले 2007, 2012 और 2017 MCD चुनाव में भी उसने जीत दर्ज की थी।
पिछले चुनाव में भी उसने 181 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
मुद्दा
दिल्ली की सफाई रहा था चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा
AAP ने MCD चुनाव के लिए शहर की सफाई को एक बड़ा मुद्दा बनाया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गाजीपुर लैंडफिल स्थित कूड़े के पहाड़ों का दौरा किया था और यहां से भाजपा पर जमकर निशाना साधा था।
उन्होंने कहा था कि इस बार MCD चुनाव दिल्ली की सफाई पर होगा और अगर पांच साल में उन्होंने दिल्ली को साफ नहीं किया तो जनता उन्हें दोबारा वोट न दे।
भाजपा ने सफाई कराने का वादा किया था।
MCD एकीकरण
तीनों नगर निगमों के एकीकरण के बाद पहले MCD चुनाव
गौरतलब है कि दिल्ली में तीनों नगर निगमों का एकीकरण कर दिया गया है और इसके बाद ये चुनाव हैं।
केंद्र सरकार ने कानून लाकर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (SDMC), उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (EDMC) का एकीकरण किया है और परिसीमन के बाद सीटों की संख्या 272 से घटकर 250 रह गई है।
इस एकीकरण के कारण चुनाव में देरी हुई है और AAP ने इसे लेकर भाजपा पर निशाना साधा था।