लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद सपा से नाराज मायावती, अपने बूते सभी चुनाव लड़ेगी बसपा
लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं। मायावती ने रविवार को कहा कि चुनावों में मिली हार के बाद अखिलेश यादव ने उन्हें फोन नहीं किया। इतना ही नहीं, मायावती ने सपा के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उन्हें ताज कारीडोर मामले में फंसाने में भाजपा के साथ मुलायम सिंह यादव की भी भूमिका थी।
बड़ी होने के नाते मैंने किया अखिलेश को फोन- मायावती
मायावती ने कहा, "चुनावों में महागठबंधन की हार के बाद अखिलेश यादव ने मुझे फोन नहीं किया। बसपा महासचिव सतीश मिश्रा ने उन्हें मुझसे बात करने को कहा था, लेकिन उन्होंने यह बात नहीं सुनी।" मायावती ने आगे कहा, "चूंकि मैं उनसे बड़ी हूं इसलिए मैंने उन्हें फोन कर उनकी पत्नी डिंपल यादव और परिवार के अन्य लोगों के हारने पर अफसोस जताया।" उन्होंने कहा कि भीतरघात होता रहा और अखिलेश ने ऐसा करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
लोकसभा चुनाव में गठबंधन को मिली करारी हार
लोकसभा चुनावों से पहले हुए सपा, बसपा और राष्ट्रीय लोक दल के गठबंधन से तीनों पार्टियों को काफी उम्मीदे थीं, लेकिन चुनावों में यह गठबंधन सफल नहीं हो पाया और 80 में से केवल 15 सीटें जीत सका। इसके बाद यह गठबंधन टूट गया और सपा, बसपा ने अलग-अलग उपचुनाव और विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। लोकसभा चुनाव से पहले सपा और बसपा ने इसे लंबा चलने वाला गठबंधन करार दिया था।
अखिलेश ने किए पिछड़े समुदाय के खिलाफ काम- मायावती
मायावती ने कार्यकर्ताओं के साथ हुई बैठक में अखिलेश यादव पर मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "जब मैं चुनावों के दौरान टिकट बांट रही थी, तब अखिलेश ने सतीश मिश्रा के जरिए संदेश भिजवाया कि मैं मुसलमानों को टिकट न दूं, लेकिन मैंने मना कर दिया।" मायावती ने कहा कि अखिलेश ने मुख्यमंत्री रहते हुए गैर-यादव पिछड़े समुदाय के खिलाफ काम किए थे इसलिए लोगों ने गठबंधन को वोट नहीं दिए।
विधानसभा चुनावों में अकेले उतरेगी सपा
लोकसभा चुनाव में बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली समाजवादी पार्टी 2022 विधानसभा चुनाव में अकेले उतरेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी नेतृत्व ने मन बना लिया है कि वो मायावती के साथ आने का इंतजार नहीं करेंगे। बता दें, लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के लिए मायावती ने यादवों का वोट नहीं मिलने की बात कही थी। उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनावों को लेकर दोनों पार्टियां पहले ही अपने-अपने दम पर लड़ने की बात कह चुकी हैं।
मायावती ने किया था गठबंधन टूटने का ऐलान
इस महीने की शुरुआत में बहुजन समाज पार्टी ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया था। मायावती ने कहा कि उपचुनाव में पार्टी ने कुछ सीटों पर अकेले उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि गठबंधन पूर्ण रूप से नहीं टूटा है। सपा प्रमुख अपने राजनीतिक कार्यों में सफल होते हैं तो वो फिर साथ आ सकते हैं। बता दें, गठबंधन में सपा ने 37 और बसपा ने 38 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
बसपा अपने बूते लड़ेगी सभी चुनाव- मायावती
ये रहे थे उत्तर प्रदेश के नतीजे
उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से भारतीय जनता पार्टी को 62 और उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल को 2 सीटें मिली हैं। गठबंधन को 15 (बसपा- 10, सपा- 5) और कांग्रेस को 1 सीट पर जीत मिली है। 2014 के मुकाबले भाजपा को राज्य में केवल 9 सीटों का नुकसान हुआ है, लेकिन पार्टी का वोट शेयर बढ़ा है। पिछले चुनावों में उत्तर प्रदेश में भाजपा को 42.6% वोट मिले थे, जो इस बार 49.5% हो गए।