सपा-बसपा गिले-शिकवे भुलाकर साथ काम करें, यही मेरे लिए जन्मदिन का सबसे बड़ा तोहफा- मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती आज अपना 63वां जन्मदिन मना रही हैं। मायावती ने 12 जनवरी को लोकसभा चुनाव के लिए अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन का ऐलान कर के राजनीति में उबाल ला दिया है। उन्होंने अपने जन्मदिन के मौके पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। मायावती ने अपने जन्मदिन के तोहफे के तौर पर सपा-बसपा कार्यकर्ताओं से सारे गिले-शिकवे भुला कर साथ काम करने का वादा मांगा।
'गठबंधन से भाजपा की नींद उड़ी'
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कहा, "इस बार मेरा जन्मदिन ऐसे मौके पर मनाया जा रहा है जब देश में शीघ्र ही लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं। देश के सबसे बड़े राज्य में हमने सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है, जिससे विरोधियों विशेषकर भाजपा की नींद उड़ी हुई है।" उन्होंने आगे कहा कि अधिकांश मौकों पर उत्तर प्रदेश ही तय करता है कि देश में किसकी सरकार बनेगी और कौन देश का प्रधानमंत्री होगा।
'देशहित में भुला दें पुराने गिले-शिकवे'
गठबंधन के समर्थन में अपील करते हुए मायावती ने कहा, "देश और प्रदेश में बेहद महत्वपूर्ण इस गठबंधन को कामयाब बनाने के लिए मैं बसपा और सपा के लोगों से पुरजोर अपील करती हूं कि इस चुनाव में वह पार्टी और देशहित में अपने सारे पुराने गिले-शिकवे भुलाकर और अपने निजा स्वार्थ को किनारे करके गठबंधन के उम्मीदवारों को ऐतिहासिक कामयाबी दिलाएं।" मायावती ने आगे कहा कि यही वास्तव में उनके जन्मदिन का असली और सबसे बड़ा तोहफा होगा।"
गठबंधन के लिए कार्यकर्ताओं की दूरी सबसे बड़ी चुनौती
सपा और बसपा के कार्यकर्ताओं की दूरी जगजाहिर है। यह दूरी गठबंधन की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बन सकती है। इसी कारण मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खासतौर पर दोनों पार्टियों के लोगों से साथ मिलकर काम करने की अपील की। सपा और सपा ने उत्तर प्रदेश में 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश की इन दो मजबूत पार्टियों के गठबंधन को भाजपा के लिए एक बड़ा खतरा माना जा रहा है।