2019 लोकसभा चुनाव: प्रधानमंत्री मोदी की राह में बाधा बन सकती हैं ये तीन महिला नेता
इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह में राजपथ पर नारी शक्ति की बानगी देखने को मिली थी। ऐतिहासिक रूप से सेना की कई टुकड़ियों का नेतृत्व महिलाओं ने किया था और परेड में उनकी संख्या अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा थी। खैर, देश अब लोकसभा चुनाव की तरफ बढ़ रहा है और एक अहम सवाल यह है कि क्या राजपथ की तरह राजनीति के मैदान में भी हमें इस बार नारी शक्ति का जलवा देखने को मिलेगा।
नारी शक्ति के मामले में विपक्ष का पलड़ा भारी
चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से सत्ता में वापसी की तरफ देख रही है। यूं तो भाजपा और सरकार में भी कई शक्तिशाली महिला नेता हैं, लेकिन इस बार महिला नेतृत्व के मामले में विपक्ष का पलड़ा भारी है। उसके पास कुछ ऐसी महिला नेता हैं जो मोदी के फिर से प्रधानमंत्री बनने की हार में बड़ा रोड़ा बन सकती हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही 3 महिला नेताओं के बारे में।
मायावती यूपी में रोकेंगी भाजपा का दिल्ली का रास्ता
कहते हैं कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने इस बार समाजवादी पार्टी से गठबंधन करके भाजपा के दिल्ली के रास्ते को रोकने की कोशिश की है। दलित, यादव और मुस्लिम वोटबैंक के आधार वाला यह गठबंधन भाजपा के लिए बड़ी समस्या बन सकता है। यूपी में भाजपा के खराब प्रदर्शन का सीधा असर केंद्र में उसकी स्थिति पर पड़ेगा, इसलिए मायावती भाजपा के लिए एक बड़ा खतरा हैं।
भाजपा के वोटबैंक पर प्रियंका की नजर
यूपी में ही भाजपा के लिए एक और बड़ा खतरा हैं हाल ही में राजनीति में एंट्री करने वाली प्रियंका गांधी। प्रियंका के आने के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया जोश आया है। उनके जरिए कांग्रेस का असली निशाना उच्च जाति के वोट हैं, जो आमतौर पर भाजपा को वोट देते हैं। अगर प्रियंका इसमें कामयाब होती हैं तो भाजपा को बड़ा नुकसान होगा। उनकी छवि महिलाओं और युवाओं को भी कांग्रेस की तरफ खींच सकती है।
बंगाल में पैर नहीं जमाने दे रही ममता बनर्जी
भाजपा की सत्ता वापसी की राह में एक और बड़ा रोड़ा हैं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। उत्तर भारत में होने वाले सीटों के नुकसान की भरपाई के लिए भाजपा पूर्वी भारत, खासकर बंगाल पर नजर गड़ाए हुए है। भाजपा यहां विस्तार की संभावना देख रही है और उसका लक्ष्य 42 में से 22 सीटों पर कब्जा करने का है। लेकिन ममता अपने गढ़ में भाजपा को पैर जमाने का मौका देंगी, इसकी संभावना कम ही है।
प्रधानमंत्री पद पर ममता और मायावती की नजर
जिन 3 महिला नेताओं की हमने बात की, उनमें से 2, मायावती और ममता, भाजपा पर इसलिए भी ज्यादा हमलावर रहेंगी क्योंकि दोनों ही अपने राज्य में भाजपा को रोक कर और खुद अच्छा प्रदर्शन कर विपक्ष में अपना कद बढ़ाना चाहेंगी। दोनों का निशाना अच्छा प्रदर्शन कर महागठबंधन के नेता के तौर पर प्रधानमंत्री पद पर दावेदारी पाना है। उनकी यह महत्वाकांक्षा, भाजपा बनाम महिला नेताओं की इस जंग को और रोचक बना देती है।