
एग्जिट पोल के एक दिन बाद योगी ने भाजपा के सहयोगी को मंत्री पद से हटाया
क्या है खबर?
योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं विकलांग जन विकास मंत्री ओपी राजभर को कैबिनेट से हटा दिया है।
राजभर ने सार्वजनिक मंच से मुख्यमंत्री योगी की आलोचना की थी।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख राजभर ने कहा कि उन्होंने महीने पहले ही अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
उन्होंने कहा, "हम फैसले का स्वागत करते हैं। मैंने अप्रैल में इस्तीफा दिया था, लेकिन योगी ने इसे अब स्वीकार किया है।"
आइये, जानें पूरा मामला।
एग्जिट पोल
एग्जिट पोल आने के एक दिन बाद लिया फैसला
योगी सरकार का यह फैसला एग्जिट पोल सामने आने के एक दिन बाद आया है, जिनमें भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को बहुमत से सत्ता में आने का अनुमान लगाया गया है।
रविवार को राजभर ने सपा-बसपा गठबंधन के पक्ष में बोलते हुए कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में गठबंधन को बड़ी जीत मिलेगी। राजभर ने चुनावों से पहले कई बार NDA छोड़ने की धमकी थी।
उन्होंने चुनावों में वाराणसी समेत 39 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे।
जानकारी
सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करे योगी- राजभर
कैबिनेट से निकाले जाने पर राजभर ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को कूड़ेदान में फेंक दिया था। उनके पास इसे लागू करने का समय नहीं है। उन्होंने इस समिती की रिपोर्ट को जल्द लागू करने की मांग की है।
ट्विटर पोस्ट
पहले ही इस्तीफा दे चुके थे राजभर
OP Rajbhar:We welcome his decision. CM has taken a very good decision. He formed Social Justice Committeethrew its report in a dustbin,he didn't have spare time to implement it.I request him to implement Social Justice Committee's report as quickly as he took this decision today pic.twitter.com/SHYyg9fS4Y
— ANI UP (@ANINewsUP) May 20, 2019
जानकारी
पार्टी के दूसरे सदस्यों पर भी गिरी गाज
योगी सरकार ने ओपी राजभर के अलावा उनके बेटे अरविंद राजभर और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 7 अन्य सदस्यों को सरकार द्वारा गठित समितियों से हटा दिया है।
ट्विटर पोस्ट
पार्टी के 7 अन्य सदस्यों को समितियों से हटाया
7 members of Suheldev Bhartiya Samaj Party including OP Rajbhar's son Arvind Rajbhar also dismissed from their services in committees set up by Uttar Pradesh Government with immediate effect https://t.co/MreX1TZpD9
— ANI UP (@ANINewsUP) May 20, 2019
ओपी राजभर
भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा कर रहे थे राजभर
पिछले साल से ही राजभर भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा कर रहे थे। उन्होंने योगी सरकार पर पिछड़े वर्गों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया था।
इस साल अप्रैल में राजभर सुबह तीन बजे अपना इस्तीफा लेकर योगी के आवास पर पहुंच गए थे।
तब पार्टी ने उन्हें इस्तीफा न देने के लिए और गठबंधन में बने रहने के लिए मना लिया था।
इन चुनावों में उन्होंने कई सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ भी चुनाव प्रचार किया था।
जानकारी
नाम बदलने को लेकर साधा था योगी सरकार पर निशाना
राजभर ने जगहों के नाम बदलने को लेकर निशाना साधते हुए कहा, "इनके पास तो कोई काम है नहीं। ये जनता का दिमाग भटकाने के लिए ये नाम बदलने का बहाना बनाते हैं। अगर हिम्मत है तो लालकिला का नाम बदल दें। उसको गिरा दें।"
विवादित बयान
दे चुके हैं कई विवादित बयान
पिछले साल अप्रैल महीने में उन्होंने कहा था कि राजपूत और यादव सबसे ज्यादा शराब का सेवन करते हैं क्योंकि यह उनका पुश्तैनी काम है।
वहीं बुलंदशहर में हुई हिंसा के लिए भी उन्होंने सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने बुलदंशहर हिंसा को भारतीय जनता पार्टी की साजिश बताते हुए कहा था कि भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव जीतने के लिए ये सब करवा रही है।
उन्होंने कहा था कि भाजपा सरकार में सांसदों-विधायकों की नहीं सुनी जा रही।