मनीष सिसोदिया ने दाखिल की जमानत याचिका, शराब नीति मामले में किए गए थे गिरफ्तार
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कथित शराब नीति घोटाले में गिरफ्तारी के लगभग एक हफ्ते बाद जमानत के लिए दिल्ली कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने राउज एवेन्यू कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की है। इससे पहले सिसोदिया की ओर से गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका खारिज हो गई थी। कोर्ट ने उनसे पहले निचली कोर्ट में याचिका दायर करने को कहा था।
CBI रिमांड खत्म होने से पहले दायर की जमानत याचिका
दिल्ली कोर्ट ने सिसोदिया को 4 मार्च तक CBI रिमांड में भेजा था और उन्होंने रिमांड खत्म होने से एक दिन पहले इसी कोर्ट में अपनी जमानत के लिए याचिका दायर की है। बीती 26 फरवरी को दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले को लेकर CBI ने करीब 8 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार किया था और 27 फरवरी को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था।
भाजपा ने AAP पर लगाया गंदी राजनीति करने का आरोप
भाजपा ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी (AAP) पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया। उसने दावा किया कि दिल्ली सरकार जेल में बंद AAP नेता के समर्थन में सरकारी स्कूलों में "आई लव मनीष सिसोदिया" डेस्क बना रही है। AAP ने भाजपा के दावों का खंडन करते हुए कहा, "इस तरह की किसी भी गतिविधि में किसी भी सरकारी विभाग या सरकारी कर्मचारी की संलिप्तता नहीं है। यह सिर्फ भाजपा का एजेंडा है।"
भाजपा ने ट्विटर पर उपराज्यपाल से की शिकायत
सिसोदिया पर क्या हैं आरोप?
मनीष सिसोदिया पर कमीशन लेकर शराब की दुकानों का लाइसेंस लेने वालों को अनुचित फायदा पहुंचाने का आरोप है। उन पर विदेशी शराब की कीमत में बदलाव करने और बीयर से आयात शुल्क हटाने का आरोप है, जिस कारण विदेशी शराब और बीयर सस्ती हो गईं और राजकोष को नुकसान हुआ। सिसोदिया पर उपराज्यपाल की मंजूरी लिए बिना कोविड महामारी का हवाला देकर 144.36 करोड़ रुपये की निविदा लाइसेंस फीस माफ करने का आरोप भी है।
क्या है दिल्ली का शराब नीति घोटाला?
दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी, जिसके बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस नीति में अनियमितताओं की आशंका जताते हुए मामले की जांच CBI से कराने की सिफारिश की थी। जुलाई, 2022 में सरकार ने इस नीति को रद्द कर दिया था। CBI ने अपनी जांच के बाद इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया समेत अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की थी।
सिसोदिया की गिरफ्तारी से केजरीवाल सरकार को लगा झटका
सिसोदिया ने गिरफ्तारी के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी गिरफ्तारी और इस्तीफे से केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका लगा है। वह दिल्ली सरकार में वित्त और शिक्षा विभाग समेत करीब 18 विभागों की जिम्मेदारी संभालते थे। AAP में सिसोदिया का कद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद दूसरे नंबर पर माना जाता है और वह दिल्ली सरकार द्वारा जनता के लिए शुरू किए गए सुधारों और अभियानों के चेहरे के रूप में भी उभरे हैं।