
बंगाल: केवल नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी ममता बनर्जी, भाजपा और सुवेंदु अधिकारी को सीधी चुनौती
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में वह केवल नंदीग्राम से चुनाव लड़ेगी और अपनी पुरानी सीट भवानीपुर को खाली कर देंगी।
ममता ने जनवरी में ही नंदीग्राम से लड़ने का ऐलान कर दिया था, लेकिन तब उन्होंने दो सीटों से चुनाव लड़ने के संकेत दिए थे। इसके बाद भाजपा ने उन्हें एक ही सीट से लड़ने की चुनौती दी जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।
बयान
भवानीपुर से शोभनदेव चट्टोपाध्याय लड़ेंगे चुनाव- ममता
विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के उम्मीदवारों का ऐलान करते हुए ममता ने कहा, "चूंकि मैं अपने शब्दों पर कायम रहती हूं, मैं नंदीग्राम से चुनाव लड़ूंगी। भवानीपुर सीट से शोभनदेव चट्टोपाध्याय आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।" उन्होंने आसानी से चुनाव जीतने की उम्मीद जताई।
टक्कर
सुवेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है नंदीग्राम
केवल नंदीग्राम से लड़ने के ममता के इस फैसले ने भाजपा और उसके पुराने सहयोगी सुवेंदु अधिकारी के साथ उनकी सीधी टक्कर तय कर दी है।
नंदीग्रीम को तृणमूल कांग्रेस (TMC) छोड़कर भाजपा में शामिल हुए अधिकारी का गढ़ माना जाता है और वह यहां से चुनाव भी लड़ सकते हैं।
उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से यहां से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है और जल्द ही उनके नाम का ऐलान किया जा सकता है।
पृष्ठभूमि
ममता को सत्ता के शीर्ष तक पहुंचाने में नंदीग्राम का अहम योगदान
बता दें कि ममता को बंगाल की सत्ता के शीर्ष तक पहुंचाने में नंदीग्राम का अहम योगदान है।
दरअसल, 2007 में यहां विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) बनाने के वामपंथी सरकार के फैसले के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन हुआ था और पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़प में 14 लोग मारे गए थे।
इसके बाद ममता ने किसानों की जमीन को बचाने के लिए 'मां, माटी, मानुष' अभियान चलाया था और इसी की बदौलत 2011 में सत्ता में आई थीं।
गढ़
आंदोलन में अधिकारी ने भी निभाई थी अहम भूमिका
नंदीग्राम में चलाए गए इस अभियान में तब TMC में रहे सुवेंदु अधिकारी ने भी अहम भूमिका निभाई थी और वह ममता के साथ गांव-गांव गए थे। अपनी इस मेहनत की बदौलत वह TMC के शीर्ष नेताओं में शामिल होने में कामयाब रहे थे।
नंदीग्राम इससे पहसे ही उनका और उनके परिवार का गढ़ रहा है और अभी उनके पिता और छोटे भाई यहां से सांसद हैं। अब वह भी यहां से चुनाव लड़ सकते हैं।
चुनाव
बंगाल में आठ चरणों में होने हैं चुनाव
बता दें कि बंगाल की 294 सीटों पर 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। नतीजे 2 मई को आएंगे।
इन चुनाव में मुख्य टक्कर सत्तारूढ़ TMC और भाजपा के बीच मानी जा रही है। अभी तक बंगाल में छोटी पार्टी रही भाजपा इस बार TMC के किले में सेंध लगाने की तैयारी के साथ उतरी है और खुद अमित शाह चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति तैयार कर रहे हैं।
जानकारी
शाह ने पार्टी को दिया 200 सीटें जीतने का लक्ष्य
2019 लोकसभा चुनाव में बंगाल की 42 में से 18 सीटें जीतने से भाजपा के आत्मविश्वास में इजाफा हुआ है और शाह ने राज्य भाजपा को विधानसभा चुनाव में 200 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है। हालांकि विशेषज्ञ इस लक्ष्य को "अति-महत्वाकांक्षी" मान रहे हैं।