TMC विधायक तिवारी ने इस्तीफा देने के बाद लिया यू-टर्न, ममता बनर्जी से मांगेंगे माफी
पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC) में अंदरुनी घमासान जारी है। नेताओं के इस्तीफा देने का सिलसिला नहीं थम रहा है। पिछले 48 घंटों में तीन विधायकों सहित चार नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसको देखते हुए पार्टी अब डैमेज कंट्रोल में लग गई है। पार्टी के इसी प्रयास की वजह से इस्तीफा देने वाले पांडेश्वर विधायक जितेंद्र तिवारी ने अब यू-टर्न लेते हुए पार्टी नहीं छोड़ने का निर्णय किया है।
TMC में लगातार उठ रहे हैं बगावत के सुर
इन दिनों TMC में बगवात हो रही है। गुरुवार को पांडेश्वर विधायक जितेंद्र तिवारी ने यह आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था कि कोलकाता में केंद्र से काफी फंड आता है, लेकिन आसनसोल तक नहीं पहुंचता हैं। इसके पहले तिवारी ने रानीगंज के TDB कालेज तथा गर्ल्स कालेज के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया था। उनके बाद नंदीग्राम विधायक और परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी और बैरकपुर विधायक शीलभद्र दत्ता ने भी इस्तीफा दे दिया था।
'टीएमसी नेताओं के बड़े-बड़े वादे कर लुभा रही है भाजपा'
इधर, पार्टी नेताओं के इस्तीफा देने के बाद TMC के सांसद काकोली घोष ने भाजपा पर TMC नेताओं से बड़े-बड़े वादे कर उन्हें भाजपा होने का लालच देने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था यह भाजपा का TMC से बदला लेने का तरीका है।
तिवारी ने इस तरह से मारा यू-टर्न?
तिवारी के इस्तीफा देने के बाद शुक्रवार को राज्य मंत्री अरुप बिश्वास ने दक्षिण कोलकाता में उनसे मुलाकात की। इसके बाद तिवारी ने फिर से पार्टी में आने का निर्णय कर लिया। इस बैठक में राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी मौजूद थे। कहा जा रहा है कि इस बैठक में तिवारी को उनके सभी मुद्दे सुलझाने का आश्वासन दिया गया था। बता दें कि तिवारी ने पहले आसनसोल नगर निगम के बोर्ड ऑफ चेयरपर्सन पद से इस्तीफा दिया था।
यू-टर्न लेने के बाद तिवारी ने दिया यह बयान
TMC में बने रहने का निर्णय करने के बाद तिवारी ने कहा, "कुछ गलतफहमी थी। मैं अपनी गलती स्वीकार करता हूं। मैं कभी भी दीदी (ममता बनर्जी) को चोट नहीं पहुंचाना चाहता था। मैं दीदी को कभी नहीं छोड़ूंगा। क्या मैंने कभी कहा कि मैं उनकी बात नहीं मानता? मैं पार्टी से इस्तीफा देने के अपने बयान को वापस ले रहा हूं।" उन्होंने आगे कहा, "वह अपने इस कदम के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी से माफी भी मांगेंगे।"
अन्य विधायक ने भी दिया पार्टी में बने रहने का आश्वासन
गत दिनों पार्टी के खिलाफ बयान देने वाले कलना विधायक बिस्वजीत कुंडू ने भी मंत्री बिस्वास से बात कर पार्टी में बने रहने का भरोसा दिया है। बिस्वास ने कहा कि एक परिवार में गलतफहमी हो सकती है। तिवारी और कुंडू TMC के साथ हैं।
तिवारी को लेकर भाजपा में था विरोध
इधर, भाजपा भी विधायक तिवारी के इस्तीफ को लेकर खास उत्साहित नहीं दिख रही थी। खासकर आसनसोल के भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो की ओर से सार्वजनिक तौर पर उनके खिलाफ विरोध करने के बाद पार्टी ने किनारा करने का फैसला लिया था। सुप्रियो ने फेसबुक पर पोस्ट किया कि कुछ लोग TMC नेताओं से अंडर-टेबल डीलिंग की अफवाह फैला रहे हैं, लेकिन वह साफ कर देना चाहते हैं कि वह पार्टी में अपने सहयोगियों के साथ विश्वासघात नहीं करेंगे।
अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो सकते हैं TMC के कई बागी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिनों के बंगाल दौरे के लिए शनिवार सुबह कोलकाता पहुंच चुके हैं। पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले शाह का यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। इस दौरान वो पार्टी की तैयारियों का जायजा लेंगे। अमित शाह के दौरे से पहले तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। माना जा रहा है कि ये नेता शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होंगे।
बंगाल में गर्मियों में होने हैं विधानसभा चुनाव
बता दें कि पश्चिम बंगाल में इस साल गर्मियों में विधानसभा चुनाव होने हैं और राज्य की 294 विधानसभा सीटों पर मुख्य टक्कर सत्तारूढ़ TMC और भाजपा के बीच मानी जा रही है। अभी तक बंगाल में छोटी पार्टी रही भाजपा इस बार TMC के किले में सेंध लगाने की तैयारी के साथ उतरी है और इसके लिए उसने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। खुद अमित शाह चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति तैयार कर रहे हैं।