प्रधानमंत्री के 'एक देश, एक चुनाव' वाले बयान पर बोले मल्लिकार्जुन खड़गे- ये नामुमकिन है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (31 अक्टूबर) को कहा था कि भारत अब देश के लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' और 'एक राष्ट्र, एक नागरिक संहिता' को लागू करने की दिशा में काम कर रहा है। प्रधानमंत्री के इस बयान पर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा है, वो ऐसा नहीं कर पाएंगे।
क्या बोले खड़गे?
खड़गे ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा है, वह ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि जब यह संसद में आएगा तो उन्हें सभी को विश्वास में लेना होगा, तभी यह हो पाएगा। यह असंभव है। 'एक देश, एक चुनाव' असंभव है। संसद में आम सहमति के बिना यह असंभव है।" बता दें कि कांग्रेस समेत विपक्ष की कई पार्टियां इस प्रस्ताव के विरोध में हैं। खड़गे पहले भी कई बार एक देश एक चुनाव के विरोध में बयान दे चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने 'एक देश एक चुनाव' पर क्या कहा था?
प्रधानमंत्री ने कहा था, "इस बार राष्ट्रीय एकता दिवस अद्भुत संयोग लेकर आया है। हम एकता का पर्व मना रहे हैं तो दिवाली का भी पर्व है। हम अब 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की दिशा में काम कर रहे हैं, जिससे भारत का लोकतंत्र मजबूत होगा, संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग होगा और विकसित भारत के सपने को साकार करने में नई गति मिलेगी। आज भारत 'एक राष्ट्र एक नागरिक संहिता' की ओर बढ़ रहा है, जो धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता है।"
सरकार ने बनाई थी उच्च स्तरीय समिति
सरकार ने इस विचार पर काम करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई थी। समिति ने सरकार को करीब 18 संशोधन की सिफारिशें की हैं, जिसमें कुछ संविधान संशोधन भी हैं। इसके बाद 18 सितंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। सरकार आने वाली शीतकालीन सत्र में इस संबंध में संसद में 3 विधेयक पेश कर सकती है।
क्या है 'एक देश एक चुनाव'?
'एक देश एक चुनाव' के अंतर्गत विधानसभा-लोकसभा चुनाव एक साथ होंगे। समिति ने सुझाव दिए हैं कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव को पहले चरण में एक साथ कराया जा सकता है। दोनों चुनाव एक साथ संपन्न होने के 100 दिन के अंदर स्थानीय निकाय और पंचायती चुनाव कराने की सिफारिश की गई है। अगर राज्य सरकार बीच में गिरती है तो दूसरी बार में अन्य राज्यों के साथ उस राज्य के दोबारा चुनाव हो सकेंगे।