राज्यसभा चुनाव: कर्नाटक से देवगौड़ा और खड़गे सहित चार उम्मीदवार हुए निर्विरोध निर्वाचित
राज्यसभा की चार सीटों के लिये कर्नाटक से पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल-सेक्युलर (JD-S) प्रमुख एचडी देवगौड़ा, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, भाजपा नेता अशोक गस्ती व ईराना कड्डी को शुक्रवार को निर्विरोध निर्वाचित किया गया है। कर्नाटक विधानसभा के सचिव एवं निर्वाचन अधिकारी एमके विशालक्षी ने चारों सीटों पर किसी अन्य उम्मीदवार के नामांकन दाखिल नहीं करने और चारों उम्मीदवारों के नामांकन जांच में सही मिलने पर निर्विरोध निर्वाचित किया।
भाजपा के पास था दो सदस्यों को राज्यसभा भेजने के लिए बहुमत
कांग्रेस के राजीव गौड़ा और बीके हरि प्रसाद, भाजपा के प्रभाकर कोरे और (JD-S) के डी कुपेन्द्र रेड्डी सीट खाली होने के बाद चुनाव की आवश्यकता थी। एक उम्मीदवार को जीतने के लिए न्यूनतम 45 वोट चाहिए। कर्नाटक विधानसभा में 117 विधायकों के साथ यह स्पष्ट था कि भाजपा आसानी से दो सीटों पर कब्जा कर लेगी। कांग्रेस की 68 विधायकों के साथ एक सीट मानी जा रही थी। इसी तरह (JD-S) के पास 34 विधायक हैं।
खड़गे ने सोनिया और राहुल गांधी का जताया आभार
गुलबर्गा लोकसभा सीट से 2019 आम चुनाव में भाजपा के उमेश जाधव से हार झेलने वाले कांग्रेस नेता खड़गे ने अब राज्यसभा पहुंचने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कर्नाटक के लोगों को धन्यवाद दिया और आश्वासन दिया कि वह संसद में उनके मुद्दों को जरूर उठाएंगे। उन्होंने NDTV को बताया, "मुझे जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की भरोसा है।"
भाजपा के तंज पर खड़गे ने किया पलटवार
भाजपा द्वारा पिछले दरवाजे से संसद में पहुंचने का तंज कसे जाने पर खड़गे ने कहा, "मैंने नौ विधानसभा चुनावों और दो लोकसभा चुनाव जीते हैं। विरोधियों को पहले उनके जितना अनुभव लेने दीजिए। उसके बाद वह इस पर कोई टिप्पणी करेंगे।"
देवगौड़ा की जीत के लिए साथ आए कांग्रेस और JD-S
बता दें कि कर्नाटक में साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और JD-S ने गठबंधन करते हुए सरकार बनाई थी। उसके बाद उनके सहयोगी दल बार-बार पाला बदलने का गेम खेलते रहे। यही कारण रहा कि भाजपा ने गत वर्ष सहयोगी दलों को अपने साथ मिलाकर गठबंधन सरकार को गिराते हुए फिर से सरकार बना ली थी। संबंधों में कड़वाहट आने के बाद भी देवगौड़ा को राज्यसभा भेजने के लिए कांग्रेस और JD-S साथ मिल गए।
राज्यसभा चुनाव लड़ने के लिए सोनिया गांधी ने देवगौड़ा को किया तैयार
साल 1996 में प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार राज्यसभा में पहुंचने वाले 87 वर्षीय देवगौड़ा ने कहा कि सोनिया गांधी ने ही उन्हें राज्यसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया था। उन्होंने पिछले साल की लोकसभा हार के बाद चुनाव लड़ने का फैसला किया। पार्टी विधायकों के कहने पर वह आगे नहीं आए। उन्होंने कहा, "लेकिन मैं राजी हो गया जब मैडम सोनिया गांधी ने कहा कि हम केवल आपके फैसले का इंतजार कर रहे थे।"
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य की सिफारिशों को किया खारिज
इस बीच, भाजपा खेमे में उम्मीदवारों की पसंद को लेकर केंद्र और राज्य के नेतृत्व के बीच कुछ तनातनी रही थी। राज्य इकाई ने प्रभाकर कोरे, रमेश कट्टी और प्रकाश शेट्टी जैसे नामों को भेजा, लेकिन निर्णय लेने वाली कमेटी ने राज्य के लिए कुछ नए नामों का चयन किया। अशोक गस्ती व ईराना कड्डी दोनों के पास अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की पृष्ठभूमि है और उन्होंने जमीनी स्तर पर काम किया है।
बीएस येदियुरप्पा ने आम कार्यकर्ताओं के चयन पर भाजपा को दिया धन्यवाद
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने आपसी कलह को कम करते कहा, "भाजपा नेतृत्व ने पार्टी के आमा कार्यकर्ताओं को सीट देकर एक उपहार दिया है। मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। शायद भाजपा ही एकमात्र पार्टी है जो इस तरह निर्णय कर सकती है।"