क्या था भाजपा का 'ऑपरेशन लोटस' और अब यह फिर कर्नाटक में क्यों चर्चा में है?
कर्नाटक की राजनीति में इन दिनों हाई पावर ड्रामा चल रहा है। सरकार और विपक्ष एक-दूसरे पर अपने विधायकों को खरीदने की कोशिश करने का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस ने भाजपा पर अपने विधायकों को लालच देने का आरोप लगाया है तो भाजपा कांग्रेस पर आरोप लगा रही है कि वो भाजपा के विधायकों को अपने पाले में करना चाहती है। इन सबके बीच भाजपा ने कर्नाटक के अपने सभी विधायकों को गुरुग्राम में रोका हुआ है।
कांग्रेस के 5 विधायक भाजपा के संपर्क में
राज्य में कांग्रेस और जनता दल सेकुलर (JDS) मिलकर सरकार चला रहे हैं। वहीं चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भाजपा विपक्ष में हैं। भाजपा नेता येदियुरप्पा के समर्थक अब एक बार फिर उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के पांच विधायक भाजपा के संपर्क में है। ऐसे में एक बार फिर 'ऑपरेशन लोटस' की चर्चा शुरू हो गई है। आइये जानते हैं कि क्या था ऑपरेशन लोटस?
2008 में हुआ था 'ऑपरेशन लोटस'
साल 2008 में कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को 110 सीटें मिली थीं। कुल 224 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए भाजपा को कम से कम 113 सीटों की जरूरत थी। ऐसे में भाजपा बहुमत के आंकड़ें से तीन सीट दूर थी। इस दूरी को पाटने के लिए चला था 'ऑपरेशन लोटस'। इसके तहत भाजपा ने खनन माफ़िया कहे जाने वाले रेड्डी बंधुओं की मदद से अपनी सरकार बनाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल की थी।
कांग्रेस और JDS के विधायक तोड़कर बनाई थी सरकार
भाजपा ने रेड्डी बंधुओं की मदद से कांग्रेस के तीन और JDS के चार विधायकों को इस्तीफ़ा देने के लिए राजी कर लिया था। भाजपा ने दल-बदल कानून से बचने के लिए इनका सीधा समर्थन नहीं लिया और इनसे इस्तीफा दिलवाकर अपनी तरफ से चुनाव लड़वाया। इन सात विधायकों में से पांच उपचुनाव जीतकर लौटे। इस तरह विधानसभा में भाजपा की कुल सीटें 110 से बढ़कर 115 हो गई और भाजपा ने राज्य में अपनी सरकार बना ली।
क्या फिर दोहराया जा रहा है ऑपरेशन लोटस?
अब लगभग 11 साल बाद एक बार फिर राज्य में 'ऑपरेशन लोटस' के हालात बनते दिख रहे हैं। कांग्रेस के पांच विधायक संपर्क से बाहर हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि ये विधायक भाजपा के संपर्क में हो सकते हैं। खुद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने आरोप लगाए थे कि भाजपा ने JDS विधायक को Rs. 50 करोड़ का लालच दिया है। हालांकि, भाजपा ने सरकार बनाने के लिए ऑपरेशन चलाने की बातों से इनकार किया है।
क्या है कर्नाटक विधानसभा का गणित
224 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में भाजपा के 104, कांग्रेस के 79, JDS के 37, KGP, BSP का एक-एक और एक निर्दलीय विधायक है। BSP, KGP और निर्दलीय, एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में कांग्रेस-JDS सरकार का समर्थन कर रहे हैं।