राज्यसभा में बोले अमित शाह, NRC से किसी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नहीं
क्या है खबर?
गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) की प्रक्रिया को पूरे देश में लागू किया जाएगा।
इस दौरान उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी धर्म के लोगों को इससे डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि NRC में सभी लोगों को समाहित किया जाएगा।
शाह ने इस बीच ये भी साफ किया कि नागरिकता संशोधन बिल और NRC का आपस में कोई संबंध नहीं है।
बयान
"धर्म से परे भारत के सभी नागरिक NRC में आएंगे"
शाह ने राज्यसभा में कहा, "NRC में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो कहता हो कि किसी विशेष धर्म के लोगों को इससे बाहर रखा जाएगा। धर्म से परे भारत के सभी नागरिक NRC सूची में आएंगे। NRC नागरिकता संशोधन बिल से अलग है।"
संबोधन
अमित शाह बोले, किसी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नहीं
शाह ने आगे कहा, "जो NRC की प्रक्रिया असम के अंदर हाथ में ली गई, एक सुप्रीम कोर्ट के आदेश और एक अलग एक्ट के तहत ली गई है। NRC की प्रक्रिया देशभर में होगी, उस समय असम के अंदर भी NRC की प्रक्रिया फिर से की जाएगी।"
उन्होंने कहा, "मैं फिर से स्पष्ट कर देता हूं कि किसी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। सारे लोगों को NRC के अंदर समाहित करने की व्यवस्था है।"
NRC पर राजनीति
2014 तक पूरे देश में NRC लागू करने की बात कह चुके हैं शाह
बता दें कि अमित शाह पहले भी पूरे देश में NRC लागू करने की बात कह चुके हैं।
हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि पूरे देश में 2024 तक NRC की प्रक्रिया को लागू कर दिया जाएगा।
भाजपा भी पूरे देश में NRC लागू करने की मांग कर रही है और ये उसका एक बड़ा मुद्दा है।
हालांकि बिहार और पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने राज्य में NRC की जरूरत नहीं होने की बात कही है।
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस
क्या है NRC?
NRC में देश के सभी नागरिकों का नाम शामिल होता है और इसके जरिए देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान की जाती है।
अभी तक केवल असम में इस प्रक्रिया को लागू किया गया है।
राज्य में पहला रजिस्टर 1951 में जारी हुआ था, जिसे अब दोबारा अपडेट किया गया है।
असम NRC की अंतिम सूची से 19 लाख लोग बाहर हैं। इनमें कई ऐसे लोग भी हैं जो दशकों से राज्य में रह रहे हैं।
कश्मीर
कश्मीर में स्थिति पूरी तरह सामान्य- शाह
राज्यसभा में अपने भाषण में गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर के हालातों की भी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति पूरी तरह से सामान्य है और 5 अगस्त के बाद से आज तक एक भी व्यक्ति की मौत पुलिस फायरिंग में नहीं हुई है।
मेडिकल और अन्य जरूरी सुविधाएं पूरी तरह शुरू होने की जानकारी देते हुए शाह ने कहा कि इंटरनेट सेवाएं भी उचित समय पर शुरू कर दी जाएंगी।