राहुल गांधी बने रहेंगे कांग्रेस के अध्यक्ष, CWC ने नहीं स्वीकार किया इस्तीफा
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक खत्म हो गई है। लोकसभा चुनावों में मिली हार के मंथन के लिए हुई इस बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन यह स्वीकार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि वो अध्यक्ष पद पर नहीं रहना चाहते, लेकिन पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। इस बैठक में सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, पी चिदंबरम, कैप्टन अमरिंदर सिंह, अहमद पटेल, प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के तमाम बड़े नेता शामिल थे।
बैठक खत्म होने के बाद निकलते कांग्रेस नेता
सोनिया और मनमोहन सिंह ने राहुल का मनाया
बताया जा रहा है कि मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को इस्तीफा न देने के लिए मनाया है। राहुल अपना इस्तीफा देने पर अड़े हुए थे, लेकिन CWC ने यह इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।
कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने नकारी राहुल के इस्तीफे की बात
कांग्रेस जनादेश को स्वीकार करती है- रणदीप सुरजेवाला
कांग्रेस कार्यसमिति ने जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करती है। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कांग्रेस जिम्मेदारी से विपक्षी दल की जिम्मेदारी निभाएगी। CWC ने अपने नेताओं, कार्यकर्ताओं और सहयोगी दलो को भी धन्यवाद दिया। राहुल ने अपने इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन इसे नकार दिया गया। इसका मतलब है कि राहुल आगे भी कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहेंगे। सुरजेवाला ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के सामने कई बड़ी चुनौतियां खड़ी हैं।
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लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरी कांग्रेस- एंटनी
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कांग्रेस नेता एके एंटनी ने कहा कि कांग्रेस लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विस्तार से हार के कारणों का आंकलन करेगी। उन्होंने कहा कि 2014 में हार के कारणों पर कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपी गई रिपोर्ट में से कई सिफारिशों को लागू किया गया और कुछ पर काम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि यह बात अब पुरानी हो चुकी है।
2017 में कांग्रेस अध्यक्ष बने राहुल
साल 2004 में पहली बार सांसद बनने वाले राहुल गांधी को 2007 में कांग्रेस का महासचिव बनाया गया था। उन्हें नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ (NSUI) और भारतीय यूथ कांग्रेस की जिम्मेदारी दी गई। इसके लगभग छह साल बाद 2013 में राहुल कांग्रेस के उपाध्यक्ष बने। 2014 में उन्होंने अमेठी से तीसरी बार चुनाव जीता। इसके बाद 16 दिसंबर 2017 को राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया। राहुल से पहले सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थीं।
18 राज्यों में खाता नहीं खोल सकी कांग्रेस
गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी। इसके बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी। इस प्रदर्शन को देखकर लग रहा था कि राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस अपने पैर जमा रही है, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की रणनीति की हवा निकल गई। कांग्रेस इन चुनावों में सिर्फ 52 सीटें जीत पाई जबकि 18 ऐसे राज्य रहे, जहां कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल सका।