अमेठी: स्मृति ईरानी के करीबी सहयोगी की गोली मारकर हत्या, सोते समय किया हमला
हाल ही में अमेठी से सांसद चुनी गई स्मृति ईरानी के एक करीबी सहयोगी की बाइक सवार अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। अमेठी के बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह को उस समय गोली मारी गई, जब वह शनिवार रात को अपने घर के बाहर सो रहे थे। सुरेंद्र ने स्मृति ईरानी की जीत में बड़ा योगदान दिया था। बता दें कि बरौलिया गांव को दिवगंत मनोहर पर्रिकर ने गोद भी लिया था।
गौरीगंज जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर हुई घटना
घटना गौरीगंज के जिला मुख्यालय से कुल ही किलोमीटर की दूरी पर हुई। शनिवार रात कुछ बाइक सवार सुरेंद्र के घर पहुंचे और उन पर अंधाधुंध गोलियां बरसाना शुरु कर दीं, जिनमें से कुछ उनके चेहरे पर लगीं। हमले के बाद उन्हें लखनऊ के ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। स्मृति की जीत के 2 दिन के अंदर ही हुए इस हमले से अमेठी के लोग सकते में हैं।
कई गांवों में था सुरेंद्र का प्रभाव
घटनास्थल के पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। अमेठी SP ने बताया, "उन्हें सुबह 3 बजे के आसपास गोली मारी गई। हमें कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है। जांच जारी है। हमले का कारण कोई पुराना विवाद या राजनीतिक दुश्मनी हो सकती है।" बता दें कि सुरेंद्र का प्रभाव आसपास के कई गांवों में था और वह 2014 से ही स्मृति के साथ काम कर रहे थे।
पुलिस ने पुरानी रंजिश या राजनीतिक विवाद को बताया हत्या की वजह
स्मृति ने दी थी राहुल को उन्हीं के गढ़ में मात
बता दें कि गुरुवार को घोषित हुए चुनाव परिणाम में स्मृति ईरानी ने इतिहास रचते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 55,120 वोटों से अमेठी में मात दी थी। अमेठी को गांधी परिवार और कांग्रेस का गढ़ माना जाता था और यह पहली बार था जब किसी गांधी परिवार के सदस्य को यहां से हार का मुंह देखना पड़ा। राहुल से पहले संजय गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी भी यहां से सांसद रह चुकी हैं।
केवल दो बार अमेठी में हारी थी कांग्रेस
राहुल की हार से पहले केवल 2 बार कांग्रेस को अमेठी में हार का सामना करना पड़ा था। आपातकाल के बाद हुए 1977 के चुनाव में लोकदल और 1998 में भाजपा के प्रत्याशी ने उसे जहां मात दी थी।