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कर्नाटक: येदियुरप्पा सरकार के लिए अहम दिन, आज घोषित होंगे उपचुनावों के नतीजे

कर्नाटक: येदियुरप्पा सरकार के लिए अहम दिन, आज घोषित होंगे उपचुनावों के नतीजे

Dec 09, 2019
10:14 am

क्या है खबर?

कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान के नतीजे आज घोषित किए जाएंगे। इन सीटों पर 5 दिसंबर को वोट डाले गए थे। सोमवार सुबह शुरू हुई मतगणना में खबर लिखे जाने तक 10 सीटों पर भाजपा आगे चल रही थी। कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) दो-दो और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं। येदियुरप्पा सरकार के लिए ये नतीजे अहम हैं। येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए छह सीटों की जरूरत है।

विधानसभा के समीकरण

फिलहाल ये है कर्नाटक विधानसभा के समीकरण

कुल 225 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 113 विधायकों का समर्थन जरूरी है। फिलहाल भाजपा के 105, कांग्रेस के 66 और जनता दल के 34 विधायक हैं। अभी भाजपा के येदियुरप्पा एक निर्दलीय विधायक यानी 106 विधायकों के समर्थन से सरकार चला रहे हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस-जनता दल के 17 बागी विधायकों को अयोग्य कर दिया था, जिससे विधानसभा का संख्याबल 208 और बहुमत का आंकड़ा 105 पर आ गया।

उपचुनाव

17 विधायक अयोग्य फिर 15 सीटों पर चुनाव क्यों?

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के 17 विधायकों को अयोग्य ठहराया था, लेकिन इनमें से 15 सीटों पर उपचुनाव हुए थे। ऐसा इसलिए क्योंकि इन सीटों पर 2018 के चुनावों के परिणामों को चुनौती देने वाली अलग-अलग याचिकाएं कर्नाटक हाई कोर्ट में लंबित हैं। 15 सीटों पर नतीजे घोषित होने के बाद विधानसभा का संख्याबल 221 और बहुमत का आंकड़ा 112 हो जाएगा। ऐसे में भाजपा को सरकार बनाए रखने के लिए छह सीटों पर जीत की दरकार है।

जानकारी

इन 15 सीटों पर किस पार्टी का कब्जा है?

जिन 15 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं उनमें से 12 सीटें पहले कांग्रेस के खाते में थी, जबकि दो सीटों पर जनता दल (सेक्यूलर) का कब्जा था। ऐसे में भाजपा के लिए छह सीटें जीतना बड़ी चुनौती है।

नतीजे

क्या होगा अगर भाजपा छह सीटें नहीं जीत पाई?

अगर भाजपा को आज घोषित होने वाले नतीजों में छह सीटें जीतने में कामयाबी हाथ नहीं लगती है तो कर्नाटक में भी महाराष्ट्र जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। यहां भाजपा सबसे बड़ी पार्टी तो बनी रहेगी, लेकिन उसके पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं होगा। वहीं कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) मिलकर बहुमत के आंकड़े से पार से पहुंच जाते हैं तो दोनों मिलकर राज्य में फिर से सरकार बना सकते हैं।