सपा-बसपा गठबंधन टूटा, उत्तर प्रदेश उपचुनाव में अपने-अपने दम पर उतरेंगी दोनों पार्टियां

लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में हुआ बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी का गठबंधन टूट गया है। लोकसभा चुनाव में इस गठबंधन को महज 15 सीटें मिली थीं। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि उपचुनाव में पार्टी ने कुछ सीटों पर अकेले उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि गठबंधन पूर्ण रूप से नहीं टूटा है। सपा प्रमुख अपने राजनीतिक कार्यों में सफल होते हैं तो वो फिर साथ आ सकते हैं।
मायावती ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने उन्हें बहुत इज्जत दी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने भी राष्ट्र के हित में हमारे सभी मतभेदों को भूला दिया था और उन्हें अपने परिवार की तरह सम्मान दिया। मायावती ने कहा कि यादव परिवार के साथ उनके संबंध हमेशा जारी रहेंगे और सुख-दुख की घड़ी में एक-दूसरे के साथ रहेंगे, लेकिन चुनावी नतीजों को पूरी तरह नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनावों में यादवों का वोट सपा के साथ टिका नहीं रह सका। यादव बहुल्य सीटों पर भी सपा के मजबूत उम्मीदवार हारे हैं। उन्होंने कहा कि डिंपल यादव और धर्मेंद्र यादव की हार उन्हें सोचने पर मजबूर करती है। उन्होंने चुनावी नतीजों में EVM की भूमिका पर संदेह जताते हुए कहा कि जब सपा-बसपा मिलकर चुनाव लड़ रही थी तो उन्हें जीत मिलनी चाहिए थी। सपा का वोट बैंक बसपा के समर्थन में नहीं आया।
मायावती ने कहा कि सपा को काफी तैयारी करने की जरूरत है। अगर उन्हें लगा कि अखिलेश यादव राजनीतिक कार्यों को करने के साथ-साथ अपने लोगों को मिशनरी बनाने में सफल होते हैं तो वो आगे भी साथ आ सकते हैं। अभी इस पर परमानेंट ब्रेक नहीं लगा है। मायावती ने कहा कि अगर वो इस काम में सफल नहीं होते हैं तो बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी। इसलिए बसपा ने उपचुनावों में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।
अखिलेश यादव ने मायावती के इस फैसले पर कहा कि अगर गठबंधन टूट गया है तो वो इस पर चिंतन करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर उपचुनावों में गठबंधन नहीं है तो समाजवादी पार्टी चुनावों की तैयारी करेगी और सभी 11 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
चुुनावों के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि बैलेट पेपर से चुनाव कराने की विपक्ष की मांग पर सुप्रीम कोर्ट को गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि EVM से जनता संतुष्ट नहीं है और उन्हें लग रहा है कि जिस तरह से नतीजे देश में आए हैं वह लोगों के गले नहीं उतर रहे हैं। बता दें, विपक्षी पार्टियां चुनावों के पहले से EVM में छेड़छाड़ होने की बात करती रही हैं।
उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से भारतीय जनता पार्टी को 62 और उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल को 2 सीटें मिली हैं। गठबंधन को 15 (बसपा- 10, सपा- 5) और कांग्रेस को 1 सीट पर जीत मिली है। 2014 के मुकाबले भाजपा को राज्य में केवल 9 सीटों का नुकसान हुआ है, लेकिन पार्टी का वोट शेयर बढ़ा है। पिछले चुनावों में उत्तर प्रदेश में भाजपा को 42.6% वोट मिले थे, जो इस बार 49.5% हो गए।