'महाराष्ट्र के हित' के लिए शिवसेना ने दिए कांग्रेस और NCP से हाथ मिलाने के संकेत
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भाजपा अभी इंतजार की स्थिति में है वहीं शिवसेना ने अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र सामना में लिखा कि सदन में भाजपा बहुमत साबित नहीं कर पाती है तो शिवसेना कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी NCP के साथ सरकार का गठन का दावा करेगी।
ऐसी स्थिति में शिवसेना के पास 170 से अधिक विधायकों का समर्थन हो जाएगा।
लेख
राउत बोले- महाराष्ट्र के हित में होगा तीनों पार्टियों का साथ आना
राउत ने अपने लेख में लिखा कि शिवसेना राज्य में अपना मुख्यमंत्री बना सकती है और अपने दम पर सरकार भी चला सकती है।
उन्होंने कहा कि अलग-अलग विचारधाराओं वाली तीनों पार्टियों को साथ आकर कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाना चाहिए। यह ठीक वैसा ही होगा जैसे अटल बिहारी वाजपेयी ने सरकार चलाई थी।
राउत ने लिखा कि ऐसा करना महाराष्ट्र के हित में होगा। राउत ने अपने लेख में महाराष्ट्र में सरकार गठन के कुल पांच विकल्प बताए हैं।
लेख
'अहंकार' के कारण नहीं बनेगी भाजपा-शिवसेना की सरकार- राउत
राउत ने लिखा कि अगर भाजपा और शिवसेना को मिलकर सरकार बनानी है तो दोनों को कुछ पीछे हटना होगा।
उन्होंने लिखा कि भाजपा को शिवसेना की मांग माननी पड़ेगी। उन्हें 2.5 साल के लिए मुख्यमंत्री का पद देना होगा। यह सर्वोत्तम विकल्प है, लेकिन 'अहंकार' के कारण ऐसा नहीं होगा।
राउत ने लिखा कि अगर भाजपा अपने दम पर सरकार बनाना चाहती है तो उसे 40 और विधायकों का समर्थन चाहिए, जो उसे नहीं मिलेगा और सरकार गिर जाएगी।
दावा
शिवाजी पार्क में शपथ लेगा शिवसेना का मुख्यमंत्री- संजय राउत
रविवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय राउत ने दावा किया कि महाराष्ट्र में शिवसेना अपना बहुमत साबित कर सकती है और शिवाजी पार्क स्थित शिव तीर्थ पर उसका मुख्यमंत्री शपथ लेगा।
राउत ने दावा किया शिवसेना बहुमत पेश कर सकती है क्योंकि उसके पास 175 विधायकों का समर्थन है।
भाजपा द्वारा विधायक तोड़ने की संभावना पर राउत ने कहा कि भाजपा का 'ऑपरेशन कमल' महाराष्ट्र में काम नहीं करेगा। ED और CBI का गलत इस्तेमाल यहां काम नहीं आएगा।
रणनीति
भाजपा की सीटें कम होने के कारण शिवसेना ने बढ़ाया है दबाव
बता दें कि 24 अक्टूबर को आए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा को 105 सीटें मिली हैं।वहीं शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं।
NCP ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की है।
राज्य में भाजपा का प्रदर्शन उम्मीद मुताबिक नहीं रहा और इसी कारण उसकी सहयोगी शिवसेना ने नतीजे आते ही मुख्यमंत्री पद और सत्ता में बराबर हिस्सेदारी के लिए उस पर दबाव बढ़ा दिया है।